
गेट के अंदर खड़ी बस (फोटो-पत्रिका)
कोटा। शहर में स्लीपर बस संचालकों की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को परिवहन विभाग की कार्रवाई के दौरान बस संचालकों ने हद पार कर दी। स्लीपर बस की जांच के दौरान परिवहन निरीक्षक के साथ धक्का-मुक्की की गई, आरटीओ कार्यालय में खड़ी सीज बस को जबरन निकालने की कोशिश की, यहां तक कि विभाग के उड़न दस्ते की गाड़ी पर पत्थर फेंककर उसका शीशा तोड़ दिया। टीम के पास मौजूद मशीन और मोबाइल भी छीन लिए। घटना के बाद तीन आरोपी मौके से फरार हो गए।
परिवहन निरीक्षक अवधेश डांगी ने बताया कि मंगलवार को नयापुरा क्षेत्र में कोटा से नासिक जाने वाली स्लीपर बस (एमपी 70 जेडसी 7376) को जांच के लिए रोका गया। जांच के दौरान पाया कि बस की चेसिस को काटकर डिग्गी को बड़ा किया गया है। इसके अलावा इमरजेंसी गेट की जगह पर स्लीपर बर्थ बना दी गई, जो सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है। बस की छत पर लगेज गार्ड भी लगा रखा था, जो अनुमति के विरुद्ध है। इन गंभीर खामियों को देखते हुए आरटीओ की अनुमति से बस को सीज कर जगपुरा स्थित परिवहन विभाग कार्यालय लाया गया।
डांगी ने बताया कि बस चालक ने फोन पर किसी व्यक्ति से बात करवाई और वाहन को छोड़ने का दबाव बनाया, लेकिन टीम ने नियमों के अनुसार बस को कार्यालय में खड़ा कर गेट बंद कर दिया। इसके कुछ देर बाद तीन लोग अशोक, लालसिंह और दीपक वहां पहुंचे और गेट तोड़कर बस को निकालने की कोशिश करने लगे।
निरीक्षक ने जब उन्हें ऐसा करने से मना किया तो लालसिंह ने विभाग के उड़न दस्ते की गाड़ी पर पत्थर फेंका, जिससे वाहन का पिछला शीशा टूट गया। इसी दौरान दीपक ने परिवहन निरीक्षक का मोबाइल फोन छीन लिया और अशोक ने उनके पास मौजूद जांच मशीन को जबरन ले लिया। विरोध करने पर तीनों ने निरीक्षक के साथ धक्का-मुक्की की और मौके से फरार हो गए।
घटना के बाद परिवहन निरीक्षक अवधेश डांगी ने रानपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट में लालसिंह, दीपक और अशोक के नाम दर्ज किए हैं। आरोप है कि इन लोगों ने सरकारी कार्य में बाधा डाली और विभागीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
रानपुर थाना प्रभारी रामविलास मीणा ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं आरटीओ मनीष शर्मा ने कहा कि स्लीपर बसों में नियमों की अवहेलना के खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई कर रहा है। एक दिन पहले भी एक बस को अनंतपुरा थाने में सीज किया था। उन्होंने कहा कि निरीक्षक के साथ धक्का-मुक्की और सरकारी उपकरण छीनने जैसी घटनाएं गंभीर अपराध हैं, जिन्हें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Published on:
04 Nov 2025 09:41 pm
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