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PM Suryaghar Yojana: डेढ़ लाख उपभोक्ताओं में सिर्फ 1300 ने किया आवेदन, सब्सिडी का खेल बना रहस्य! जानें…

PM Suryaghar Yojana: पीएम सूर्यघर योजना का प्रदर्शन धीमा है। जिले के डेढ़ लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं में केवल 1300 ने आवेदन किया और 114 को ही सब्सिडी मिली।

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PM Suryaghar Yojana (Photo source- Patrika)

PM Suryaghar Yojana (Photo source- Patrika)

PM Suryaghar Yojana: बिजली बिल हाफ योजना में संशोधन के बाद केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर योजना के लिए लोगों को प्रोत्साहिक करने जोर-शोर से प्रयास किए जा रहे हैं। कोरबा में भी इसके लिए विभाग अभियान चला रहा है। जिले में लगभग डेढ़ लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं हैं। लेकिन इस योजना का लाभ उठाने के लिए इसमें से महज 1300 लोगों ने ही आवेदन किया है। वहीं इसमें से सिर्फ 114 लोगों को ही सब्सिडी मिल पाई है। प्रशासन लोगों तक योजना के फायदे नहीं पहुंचा पा रहा है। यही कारण है कि योजना को लेकर लोगों में दिलचस्पी भी कम देखने को मिल रही है।

PM Suryaghar Yojana: केंद्र सरकार का नेशनल पोर्टल

पीएम सूर्यघर योजना के तहत एक, दो और तीन किलो वाट के सोलर प्रोजेक्ट घरों में लगाने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को प्रेरित किया जा रहा है। जिसमें से 2 किलो वाट का सोलर प्लांट ज्यादा प्रचलित है। इसके लिए केंद्र से 60 तो राज्य से 30 हजार, कुल मिलाकर 90 हजार रुपए की सब्सिडी का प्रावधान है, लेकिन धरातल पर ये दावा दम तोड़ रही है। कई तरह की तकनीकी पेंच के कारण लोगों की सब्सिडी अटकी हुई है। केंद्र की सब्सिडी मिल भी गई तो, राज्य की सब्सिडी नहीं मिल रही है।

जिन उपभोक्ताओं ने इस योजना को अपना लिया है, इसमें से अधिकांश सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं। योजना से जुड़ने के लिए उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार के नेशनल पोर्टल पर आवेदन करना होता है। आवेदन की प्रक्रिया कुछ जटिल है, किसी विशेषज्ञ की सहायता लेकर ही इसे पूरा किया जा सकता है। इसके बाद निजी वेंडर का ऑप्शन चुनना होता है। इसके लिए जो सूची पोर्टल पर अपलोड है, उसमें अपने इलाके का वेंडर कौन है, यह अपने स्तर पर ही पता लगाना होता है। पोर्टल पर निजी वेंडर का पता नहीं होता।

व्यतिगत तौर पर फोन कर इसकी जानकारी लेनी होती है। वेंडर सिलेक्शन के बाद निजी वेंडर उपभोक्ताओं से संपर्क करते हैं और इसके बाद सोलर प्लेट और प्लांट इंस्टॉल करने का काम पूरा करते हैं। सोलर प्लांट और पैनल का पूरा भुगतान निजी वेंडर को ही करना होता है। 2 किलो वाट के पावर प्लांट के लिए कुल राशि एक से डेढ़ लाख के बीच है, जबकि 3 किलो वाट के पावर प्लांट के लिए या दो से ढाई लाख के बीच हो सकती है। निजी वेंडर के रेट भी अलग-अलग है। उनके अनुसार ही कीमत तय है।

आगे की प्रक्रिया पूरी तरह से निजी वेंडर की ओर से ही पूरी की जाती है। सब्सिडी के लिए अकाउंट वेरीफिकेशन से लेकर बिजली विभाग से एग्रीमेंट करने तक का पूरा काम वेंडर ही करता है। बिजली विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों का इसमें अधिक योगदान नहीं है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद केवल आवेदन को विभाग अप्रूव करता है, ताकि उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिल सके। हालांकि विद्युत वितरण विभाग को ही इस योजना के लिए नोडल बनाया गया है। जिन्हें योजना की मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सब्सिडी के विषय में नहीं मिलती जानकारी

सब्सिडी के विषय में जानकारी लेने पर विद्युत वितरण विभाग के अधिकारी स्पष्ट तौर पर जानकारी नहीं दे पाते। उनका कहना है कि निजी वेंडर की ओर से प्रक्रिया पूरी करने और आवेदन के अप्रूव होने के बाद सब्सिडी केंद्र सरकार से सीधे हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर की जाती है। केंद्र की सब्सिडी का तो एक बार पता चल भी जाता है, लेकिन राज्य सरकार की सब्सिडी के मॉनिटरिंग और इसकी स्थिति का पता लगाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। राज्य सरकार की सब्सिडी प्राप्त करने के लिए हितग्राही अधिक परेशान हैं, इसमें लेट लतीफ भी हो रही है।

3 किलो वाट का प्रोजेक्ट लगवाया नहीं मिली सब्सिडी

शहर के निहारिका क्षेत्र के निवासी सुखलाल सूर्यवंशी ने बताया कि मैने सोलर पावर प्लांट अपने घर के छत पर लगाया है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत यह प्लांट मेरे घर के छत पर लगा है। इसकी कुल लागत मुझे 20 लाख 10 हजार रुपए आई है। मुझे जानकारी दी गई है कि 78 हजार केंद्र सरकार और 30 हजार राज्य सरकार से सब्सिडी मुझे मिलेगी। योजना काफी अच्छी है, बिजली बिल में कमी आ सकती है। लेकिन अभी तक मुझे सब्सिडी नहीं मिली है। पूछने पर बताया गया है कि 10 से 15 दिन का समय और लग जाएगा।

पहले लगाना होगा पूरा पैसा, फिर मिलेगी सब्सिडी

पीएम सूर्यघर योजना से जुड़ने के लिए लोग दो और तीन किलो वाट के सोलर पावर प्लांट लगाने को प्राथमिकता देते हैं। यह पावर प्लांट लगाने के लिए उपभोक्ताओं को अपने जेब से पूरे पैसे खर्च करने पड़ते हैं। पूरे पैसे निजी वेंडर को भुगतान करने का नियम है। इसके कुछ दिन बाद सब्सिडी उनके खातों में हस्तांतरित होती है। सब्सिडी आने में काफी विलंब भी हो रहा है एकमुश्त एक से ढाई लाख रुपए निवेश कर पाना माध्यम वर्गीय परिवार के लोगों के लिए संभव नहीं हो पाता।

इस कारण भी लोग योजना को अपना नहीं पा रहे हैं, योजना के फायदे को सुनकर लोग लाभ तो उठाना चाहते हैं। लेकिन एकमुश्त पैसे का इंतजाम नहीं होने के कारण काफी कम तादात में लोग इस योजना से जुड़ रहे हैं। बिजली विभाग की तरफ से कोई तकनीकी मदद ना मिलना और घटिया सर्विस के कारण भी लोग योजना को अपमाने से कतराते हैं।

क्या है पीएम सूर्यघर योजना?

PM Suryaghar Yojana: पीएम सूर्य घर मुत बिजली योजना एक सरकारी योजना है। जिसका उद्देश्य घरों की छतों पर सौर पैनल लगाकर मुत और स्वच्छ बिजली प्रदान करना है। यह योजना नागरिकों को सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। जिससे बिजली के बिलों में कमी आती है और अतिरिक्त बिजली से आय भी उत्पन्न हो सकती है। जिसकी अधिकतम सीमा 3 किलोवाट है। खपत से अधिक बिजली का उत्पादन होने पर इसे विद्युत विभाग को बेचा जाता है।

1337 आवेदन मिले, 203 लोगों के घर में लगे

विद्युत वितरण विभाग के अधीक्षण अभियंता बीआर सरकार ने बताया कि पीएम सूर्यघर योजना के तहत हमें अब तक कुल मिलाकर कोरबा जिले में 1337 आवेदन मिले हैं इसमें 203 लोगों के घरों में प्लांट इंस्टॉल कर दिया गया है शेष आवेदन अभी प्रोसेस में है। सब्सिडी की प्रक्रिया भी लंबित है। काफी लोगों को सब्सिडी मिल भी गई है।

फैक्ट फाइल

● कोरबा जिले में उपभोक्ता 1 लाख 50 हजार

● पीएम सूर्य घर के लिएआवेदन मिले 1337

● विभाग द्वारा निरीक्षण पूर्ण 145

● इंस्टॉलेशन पूर्ण किया गया 203

● हितग्राही जिन्हें सब्सिडी मिली 114(सिर्फ केंद्र सरकार)