
किसानों की खड़ी फसल तबाह (photo source- Patrika)
CG News: क्षेत्र में बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी धान की फसल पूरी तरह पानी में गिरकर खराब हो गई जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। किसानों ने बीमा कंपनी एवं शासन प्रशासन से तत्काल सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। ग्राम पटेल लालजीराम दुग्गा, धरम मंडावी ने बताया कि बारिश का दौर ऐसे समय में आया जब किसानों ने धान की कटाई की तैयारी कर रखी थी।
अचानक हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया और पकने की स्थिति में आई फसलें बर्बाद हो गईं। कई किसानों की फसल पूरी तरह सड़ चुकी है जिससे वे निराश हैं। क्षेत्र के किसान बरसन दुग्गा, बिरसिंग दुग्गा, भूपेंद्र दुग्गा, जगनू दुग्गा, नरेंद्र जैन, संजय उसेंडी, डुमेश्वर जैन, शंकर दीवान, मांगिया यादव, श्यामलाल दुग्गा, समलू कोरेटी, ललित दुग्गा, बिशेष दुग्गा, अशोक मंडावी सहित अनेक किसानों ने बताया कि बारिश से फसल को भारी क्षति पहुँची है।
खेतों में पानी भरने से धान की बाली सड़ चुकी है। जिन किसानों ने फसल बीमा कराया था वे अब बीमा कंपनी से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे हैं। किसानों ने बताया कि कटाई योग्य फसल पूरी तरह गिर चुकी है जिससे मजदूरी और परिवहन खर्च भी बढ़ गया है। किसानों ने कहा कि यदि प्रशासन और बीमा कंपनी जल्द सर्वे नहीं करती तो नुकसान की भरपाई नामुमकिन हो जाएगी। किसानों ने शासन से मांग की है कि क्षेत्र का त्वरित सर्वे कराया जाए और प्रभावित किसानों को फसल बीमा योजना के तहत उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। जिन किसानों का बीमा नहीं है उन्हें भी आपदा राहत निधि से सहायता दी जाए।
ग्राम पटेल लालजी राम दुग्गा ने कहा, हम किसानों की स्थिति बेहद गंभीर है। खेतों में धान सड़ चुका है। सरकार और बीमा कंपनी से आग्रह है कि शीघ्र सर्वे कर मुआवजा दिया जाए ताकि किसान अगली फसल की तैयारी कर सकें। ग्रामीणों ने बताया कि इस बार बारिश ने पूरे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर डाला है। यदि समय रहते राहत नहीं दी गई तो किसानों की जीविका संकट में पड़ सकती है।
CG News: क्षेत्र में हो रही असमय भारी बारिश ने किसानों की मेहनत और उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी और कटी हुई फसलें पूरी तरह पानी में डूबकर सड़ने लगी हैं। शिवसेना नेता चैनूराम शिवाना ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से हस्तक्षेप की मांग की है। दुर्गूकोंदल ब्लॉक सहित आस-पास के कई गांवों में धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। बारिश से किसान अपनी कटी फसल को घर तक लाने में भी असमर्थ हैं।
कई किसानों के खेतों में सड़न और अंकुरण की स्थिति बन गई है, जिससे अब फसल का कोई उपयोग नहीं रह गया। किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी और फसल नष्ट हो जाने के कारण आर्थिक स्थिति और अधिक बिगड़ गई है। ऐसी परिस्थिति में सरकार को तत्काल राहत कार्य शुरू कर प्रशासनिक सर्वे कराना चाहिए ताकि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके। यदि शासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाया और किसानों के मुआवजे के प्रकरण नहीं बनाए, तो शिवसेना किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करने को बाध्य होगी।
Published on:
29 Oct 2025 12:45 pm
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