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कटनी पेशाब कांड: पीड़ित ने खुद को कमरे में बंद किया, दावा ‘डराया-धमकाया जा रहा’, जीतू पटवारी जाएंगे मिलने

Katni Urine Scandal: कटनी में स्लीमाबाद थाना क्षेत्र में सामने आया था दलित के साथ किया गया पेशाब कांड... एमपी में गरमाई राजनीति, पीड़ित ने खुद को किया कमरे में बंद.. बोला डरा-धमका रहे, जीतू पटवारी जाएंगे मिलने...

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कटनी

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Sanjana Kumar

Oct 18, 2025

Katni Scandal

Katni Scandal: बहोरीबंद जनपद अध्यक्ष लालकमल बंसल, जिला पंचायत सदस्य अजय गोंटिया और ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेशलोधी ने पीड़ित से घटना की जानकारी ली। (फोटो पत्रिका)

Katni Urine Scandal: स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र में दलित युवक के चेहरे पर पेशाब करने (Katni Urine Scandal) के आरोप पर राजनीति गरमा गई है। भीम आर्मी प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण ने पीड़ित से फोन पर बात की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को घेरते हुए कटनी पहुंचने की बात कही है। उधर, एफआइआर के 24 घंटे बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। पीड़ित ने धमकी मिलने का आरोप लगाया है। उसका दावा है कि वह घर में ही कैद हो गया है।

उधर, शुक्रवार को पीड़ित परिवार घर से नहीं निकला तो कई संगठनों के कार्यकर्ता पहुंचे और समर्थन दिया। पीड़ित ने धमकी मिलने का दावा किया। उसने यह भी कहा कि उसके परिवार की जान को खतरा है। पुलिस ने एफआइआर तो दर्ज कर ली पर आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। यह भी कहा कि परिवार को नुकसान पहुंचा तो प्रशासन जिम्मेदार होगा। उधर, प्रशासन आमजन से घटना (Katni Urine Scandal) के साक्ष्य मांग रहा है।

ये है मामला

एमपी में सामने आए यह शर्मनाक मामला 13 अक्टूबर का है। पीड़ित अपने खेत के पास रमगढ़ा की पहाड़ी पर कथित अवैध उत्खनन का विरोध कर रहा था। आरोप है कि राम बिहारी हल्दकार ने जातिसूचक शब्द कहे। मारने की धमकी दी। लौटते समय सरपंच रामानुज पांडेय, उनके बेटे पवन, भतीजे सतीश और अन्य ने पीटा। आरोप है कि सरपंच पुत्र ने उसके मुंह पर पेशाब कर अपमान किया।

कोर्ट में सरकार ने कहा-कार्रवाई कानूनन हुई- पैर धुलवाने का मामला

जबलपुर. दमोह जिले के पटेरा थाना क्षेत्र के पिछड़े वर्ग के युवक से पैर धुलवाने और गंदा पानी पीने के लिए विवश करने के मामले में सरकार ने आरोपियों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई किए जाने का बचाव किया है। हाईकोर्ट में कहा कि कार्रवाई पूर्व आदेश और विधि अनुसार है।

उधर, अब इस मामले में आरोपियों ने एनएसए की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स पर जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस प्रदीप मित्तल की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी। पीठ ने जातिगत संघर्ष और अपमान की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई थी।