कानपुर. पिछले तीन दिनों से सूरज की प्रचंड गर्मी से आमहशहरी झुलस रहा है। रविवार के दिन अधिकतम तापमान 41 डिग्री के पार चला गया तो सोमवार की सुबह से गर्मी की तपिस के बीच आसमान में मेघों की चललकदमी से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के लोग खौफजदा हैं। गेहूं की कटाई लगभग-लगभग पूरी हो चुकी है। जबकि सब्जी के साथ मूंग व अन्य फसलें खेतों पर लहरा रही हैं। सीएसए के मौसम विभाग अगले कुछ घंटों के अंदर धूलभरी तेज आंधी के साथ ही हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा कहीं-कहीं कड़क के साथ बिजली भी गिर सकती है।
हरदिन करवट बदल रहा मौसम
2019 से लेकर 18 मई 2021 के बीच हरदिन मौसम करवट बदल रहा है। पिछले चार दिनों से प्रचंड गर्मी के बीच लोग घरों में कैद थे। अधिकतम पारा 41 डिग्री के पार चल गया तो कूलर और एसी ने भी काम करना बंद कर दिया। सोमवार की सुबह मौसम का मिजाज तल्ख रहा। सीएसए के मौसम विभाग के अनुसार 18 से 22 मई तक कानपुर समेत आसपास के क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे, जबकि 23 मई को आसमान साफ रहेगा। 19 मई को गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है, जबकि 20 मई को एक-दो बार हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। 21 मई को भी गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।
इसके कारण बारिश के आसार
डाॅक्टर नौशाद खान के मुताबिक दक्षिणी-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जो एक बड़े तूफान का रूप ले सकता है। अनुमान है कि यह आज शाम तक चक्रवात में बदल सकता है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धूलभरी आंधी और बारिश हो सकती है। बताया, फिलहाल दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में एम्फन चक्त्रवातीय तूफान सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म में परिवर्तित हो चुका है। यह सिस्टम दक्षिणी पारादीप से 960 किमी.दक्षिणी-पश्चिमी दीघा से 1110 किमी. दक्षिण-पश्चिमी खेपूपारा से 1230 किमी. दूर है। आगामी 24 घटे में यह सिस्टम एक्सट्रीम्ली सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म में परिवर्तित हो जाएगा।
मानसून में जमकर बरसेंगे मेघ
कोरोना वायरस के संकट के वक्त मौसम ने भी कहर ढाया। जिले में वर्ष 2018 में मार्च से मई के बीच 248.5 एमएम बारिश हुई थी जबकि 2019 में सिर्फ 172.3 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई। जबकि इस साल 15 मई तक ही 252.5 एमएम वर्षा हो चुकी है। मौसम विभाग का अभी अलर्ट जारी है। यानि अभी और बारिश होने की संभावना है। मार्च और मई की बारिश हो प्री मानसून कहा जाता है। डाॅक्टर खान बताते हैं कि प्री मानसून में अधिक वर्षा के कारण मिट्टी में काफी नमी है। इसी के चलते इस वर्ष मानसून में अधिक वर्षा हो सकती है।
Published on:
18 May 2020 03:30 pm