Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जरूरतमंदों को मिलती नहीं, सड़क किनारे फेंक दी गई लाखों रुपए की दवा, जेसीबी का किया गया इस्तेमाल

Government hospital medicines thrown on road कन्नौज में लाखों रुपए की दवाइयां सड़क किनारे फेंक दी गई। जिसमें सिरप, इंजेक्शन, टैबलेट शामिल है। जिनकी एक्सपायरी 2020 की थी। सीएमओ में पूरे मामले की जानकारी दी।‌

2 min read
सड़क के किनारे मिली दवाइयां (फोटो सोर्स- 'X' Kannauj वीडियो ग्रैब)

फोटो सोर्स- 'X' Kannauj वीडियो ग्रैब

Government hospital medicines thrown on road कन्नौज में लाखों रुपए की एक्सपायरी दवाइयां सड़क किनारे फेंकी गई है। जिनमें सिरफ, टैबलेट, इंजेक्शन आदि शामिल है। कई पैकेट ऐसे हैं।‌ जिन्हें खोला तक नहीं गया है। इसकी जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने जेसीबी के माध्यम से इन दवाइयां ट्राली में भर कर अस्पताल भेज दिया। जहां इनकी जांच की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर स्वदेश गुप्ता ने बताया कि नियमानुसार एक्सपायरी दवाइयां को रजिस्टर में अंकित कर डिस्ट्रॉय करने की प्रक्रिया है। जिसका पालन नहीं किया गया है। दूध का दूध पानी का पानी किया जाएगा कि यह दवाइयां कहां की है।

लाखों रुपए की दवाइयां फेंकी गई

उत्तर प्रदेश के कन्नौज के पाल चौराहे से जलालपुर पनवारा की तरफ जाने वाले हाईवे के किनारे सैकड़ो की संख्या में सिरफ, टेबलेट, इंजेक्शन आदि फेंका गया था। जो नोट फॉर सेल थे और यह सरकारी सप्लाई थी। इतनी बड़ी संख्या में दवाई को देखकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई। जहां स्वास्थ्य विभाग दवाइयां न होने का रोना होता है। वहीं इस तरह से दवाइयां का बर्बाद होना कई सवालों को खड़ा करता है। सोशल मीडिया पर इस पर कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है।

सीएमओ की टीम ने की जांच

एक्सपायरी दवाइयां को फेंके जाने की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके का निरीक्षण किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वदेश गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि काफी बड़ी संख्या में एक्सपायरी दवाइयां पड़ी हुई है। जिसकी एक्सपायरी 2020 है। दवाइयां का टेंडर बीएमडब्ल्यू (Bill World) कंपनी के पास है। नियमानुसार जो दवाइयां एक्सपायर हो जाती है। उन्हें रजिस्टर पर चढ़ाकर बायो मेडिकल वेस्ट में दे दिया जाता है। जिसका निस्तारण कानपुर में होता है। लेकिन नियमों का पालन नहीं किया गया।

सीएचसी-पीएचसी में इतनी दवाइयां नहीं आती

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि उनके पीएचसी या सीएचसी में इतनी दवाइयां नहीं आती है। यह दवाईयां किसी बड़े अस्पताल से फेंकी गई है। इसकी जानकारी भी हो जाएगी। एक्सपायरी दवाइयां में भी बैच नंबर, ईएल, कंपनी का नाम सहित अन्य कई चीज़ लिखी होती हैं। जिसके माध्यम से पता चल जाएगा कि दवाइयां कहां की है? यह भी संभव है कि कोई गैर जनपद से आकर यहां फेंका गया हो। जांच के बाद इसका खुलासा होगा।