नक्सली (File Photo Patrika)
Kanker News: छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। हाल ही में 210 नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण के बाद अब फिर से बड़ी संख्या में नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। उत्तर बस्तर क्षेत्र में सक्रिय सीसी मेंबर रामधेर ने अपने 50 नक्सली साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया है। यह आत्मसमर्पण महला कैंप में हुआ, जहां से एक बार फिर यह संदेश गया है कि नक्सली अब मुख्यधारा में लौटने का रास्ता चुन रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों पर मिलाकर करीब 50 लाख रुपए का इनाम घोषित था। बुधवार को कुल 50 नक्सलियों, जिनमें 32 महिलाएं शामिल हैं, ने पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। यह सामूहिक आत्मसमर्पण कोयालीबेड़ा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत बीएसएफ की 40वीं बटालियन के कामटेरा कैंप में हुआ। इस कार्यक्रम का नेतृत्व वरिष्ठ माओवादी कमांडर राजमन मंडावी और राजू सलाम ने किया।
बताया जा रहा है कि सुबह से ही पखांजूर से करीब 20 किलोमीटर दूर महला कैम्प में हलचल देखी जा रही थी। बड़े नक्सली नेता सोनू उर्फ भूपति और रूपेश के आत्मसमर्पण के बाद अब तीसरी बड़ी कड़ी के रूप में सीसी मेंबर रामधेर का नाम सामने आया है। संगठन में उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि वह अकेले नहीं, बल्कि अपने 50 साथियों के साथ नक्सली विचारधारा त्याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गया।
पुलिस और प्रशासन ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पास से कुल 39 हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें राइफल, देशी बंदूकें और विस्फोटक सामग्री भी शामिल हैं। अधिकारियों ने इसे माओवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका बताया है, खासकर माड क्षेत्र में, जहां लंबे समय से नक्सली सक्रिय थे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद हमेशा से एक गंभीर चिंता और राजनीतिक बहस का विषय रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सरकार की लगातार रणनीति, जनजागरण और विकास योजनाओं ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों का दावा है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण सफाया कर दिया जाएगा।
हालांकि, विपक्ष इस दावे को लेकर संदेह व्यक्त करता रहा है और इसे राजनीतिक बयान करार देता है। लेकिन आत्मसमर्पण की हालिया घटनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि नक्सली अब धीरे-धीरे अपने हथियार छोड़ रहे हैं और सामान्य जीवन की ओर लौटना चाह रहे हैं।
इसके पहले 17 अक्टूबर को भी बस्तर पुलिस लाइन ग्राउंड में 210 नक्सलियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण किया था। उस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा और डिप्टी सीएम अरुण साव ने उपस्थित होकर आत्मसमर्पित नक्सलियों का फूलों और संविधान की प्रति देकर स्वागत किया था।
राज्य सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत सुरक्षा, रोजगार और सम्मानजनक जीवन प्रदान किया जाएगा। इन लगातार आत्मसमर्पणों से यह साफ झलक रहा है कि अब बस्तर और उत्तर बस्तर में नक्सलवाद के दिन गिने-चुने रह गए हैं।
Published on:
23 Oct 2025 11:55 am
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