मामूली बिजली विवाद में महिला की हत्या करने वाला आरोपी दोषी करार, अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा(photo-patrika)(फोटो- Patrika.com)
CG Murder Case: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में बिजली कनेक्शन के मामूली विवाद में कोनपारा गांव में 52 वर्षीय बैशाखु नायक ने पड़ोसी महिला राधा बाई पर बांस के डंडे से हमला उसकी जान ले ली थी। गुरुवार को कुनकुरी की द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश बलराम कुमार देवांगन की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास की सजा दी।
घटना 9 मार्च 2025 की शाम करीब साढ़े चार बजे की है। राधा बाई अपने घर के सामने बैठी थीं, तभी आरोपी बैशाखु नायक वहां पहुंचा और बोला अपने घर के मीटर से क्यों बिजली जोड़ी है विवाद इतना बढ़ा कि आरोपी ने पास रखा बांस का डंडा उठाया और राधा बाई पर ताबड़तोड़ वार करने लगा। सिर, आंख और चेहरे पर लगातार प्रहार से महिला लहूलुहान होकर गिर पड़ी। पास ही रहने वाला दयानंद चौहान जब बीच-बचाव के लिए दौड़ा तो आरोपी ने उसे भी डंडे से मारकर घायल कर दिया।
राधा बाई का बेटा सुखेराम चौहान मौके पर पहुंचा और घायल मां को एंबुलेंस से अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद मृतका की रिश्तेदार दशोदा चौहान ने थाना तुमला में रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच अधिकारी निरीक्षक कोमल सिंह नेताम ने घटनास्थल से खून आलूदा मिट्टी, सादी मिट्टी और बांस का डंडा जब्त किया।
एफएसएल रिपोर्ट में डंडे पर मानव रक्त पाया गया, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि सिर और चेहरे पर गंभीर चोटों से मृत्यु हुई है। वहीं पुलिस ने मामला न्यायालय में सुपुर्द किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक पुष्पा सिंह ने कहा कि यह जघन्य अपराध है। आरोपी ने निहत्थी महिला पर क्रूरता की सारी सीमाएं पार कीं। समाज का विश्वास तभी कायम रह सकता है जब न्यायालय कठोर दंड दे।
वहीं बचाव पक्ष ने दलील दी कि बैशाखु नायक 52 वर्षीय ग्रामीण व्यक्ति है, यह उसका पहला अपराध है और वह विचारण के दौरान से जेल में है, इसलिए अदालत को नरमी बरतनी चाहिए, लेकिन अदालत ने यह कहते हुए राहत देने से इंकार कर दिया कि अपराध की गंभीरता किसी भी उदारता की अनुमति नहीं देती। यह अपराध समाज के लिए पीड़ा और भय का कारण है।
अदालत ने मृतका के पुत्र सुखेराम चौहान को पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के तहत मुआवजा दिलाने की सिफारिश की। इसके लिए आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जशपुर को भेजी गई है ताकि उचित प्रतिकर सुनिश्चित किया जा सके। लंबी सुनवाई के बाद न्यायाधीश बलराम कुमार देवांगन ने कहा कि अभियुक्त ने एक महिला पर निर्ममता से प्रहार कर उसकी हत्या की। यह अपराध केवल पीड़िता के परिवार ही नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए पीड़ा का कारण है।
वहीं धारा 103(1) बीएनएस आजीवन सश्रम कारावास और 1000 अर्थदंड (अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद) धारा 115 बीएनएस 6 माह का सश्रम कारावास और 500 अर्थदंड (अदा न करने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद), दोनों सजाएं समानांतर रूप से चलेंगी। अदालत ने आरोपी की न्यायिक अभिरक्षा अवधि (11 मार्च 2025 से 14 अक्टूबर 2025 तक कुल 7 माह 3 दिन) सजा में समायोजित करने का आदेश दिया।
Updated on:
17 Oct 2025 03:22 pm
Published on:
17 Oct 2025 03:21 pm
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