लोटिंग केज (फोटो सोर्स- पत्रिका)
Janjgir Champa News: मगरमच्छों की रेस्क्यू के लिए वन विभाग ने लोटिंग कैज की व्यवस्था की है। यह लोटिंग कैज आसपास के गांव के तालाबों में पल रहे मगरमच्छों के रेस्क्यू के लिए मददगार साबित हो रहा। हालांकि इसमें बड़े मगरमच्छों को ही पकड़ा जा सकता है। छोटे मगरमच्छों के लिए यह सुविधान काम नहीं आएगी। देश के दूसरे सबसे बड़े क्रोकोडायल पार्क कोटमीसोनार में 400 से अधिक मगरमच्छ पल रहे हैं। वहीं प्रदेश का पहला पार्क है। जहां इतनी बड़ी तादात में मगरमच्छ हैं। यहां सैलानियों का जमावड़ा होता है।
बड़ी बात यह है कि इस पार्क के अलावा आसपास के गांवों में भी बड़ी तादात में मगरमच्छ पल रहे हैं। खासकर पार्क के आसपास के गांव कर्रानाला डेम, दर्रीटांड़, कल्याणपुर, मधुआ, नया तालाब कोटमीसोनार, जगात तालाब, मौहाई तालाब, जोगिया तालाब, उपरोहित तालाब, सहित अन्य गावों के तालाबों में बड़ी तादात में मगरमच्छ पाए जाते हैं। बारिश के दिनों में तो गांव-गांव में छिपकली की तरह गांव की गलियों में बिलबिलाते रहते हैं। ऐसे मगरमच्छों के पकड़ने के लिए गांव के ग्रामीण ही काफी होते हैं। वहीं अब बड़े मगरमच्छों के लिए रेस्क्यू के लिए वन विभाग ने लोटिंग कैज की व्यवस्था की है। जो मददगार साबित होंगे।
अकलतरा ब्लाक के दर्जन भर गांव में बड़ी तादात में मगरमच्छ पाए जाते हैं,बड़ी बात यह है कि आज तक ऐसे मगरमच्छ किसी पर जानलेवा हमला नहीं किया है। यही वजह है कि ग्रामीण इनसे अब डरते नहीं। हालांकि एक दो लोगों को काटा जरूर है, लेकिन १८ साल में किसी की जान नहीं गई है। खासबर बारिश के दिनों में बच्चे भी इन्हें खिलौने की तरह पकड़ लेते हैं।
क्रोकोडायल पार्क में लोटिंग कैज की सुविधा है। इसका इस्तेमाल बड़े मगरमच्छों के रेस्क्यू के लिए किया जाता है। छोटे मगरमच्छ तो आसानी से पकड़ा जाता है। रेस्क्यू के लिए वनकर्मियों को लगाया जाता है। - हिमांशु डोंगरे, डीएफओ, जांजगीर-चांपा
Published on:
15 Oct 2025 03:23 pm
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