
CG News: चार दिन की छुट्टी के बाद मरीजों को नसीब नहीं हुआ इलाज, अस्पताल में अफरा-तफरी...(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में जिला अस्पताल में डॉक्टरों पर अस्पताल प्रबंधन का कोई कंट्रोल नहीं रह गया है। डॉक्टर्स अपनी मनमर्जी से यहां आना-जाना कर रहे हैं और ड्यूटी निभा रहे हैं। ओपीडी में मरीजों की लाइन लगी रहती है, लेकिन अधिकांश दिन डॉक्टर्स ओपीडी कक्ष से गायब रहते है।
ऐसा ही नजारा दिवाली की चार दिन छुट्टी के बाद जिला अस्पताल में बुधवार को देखने को मिला। ओपीडी में जहां 8 डॉक्टरों के बैठने का एक चेबर है, वहां दोपहर 12 बजे के करीब एक भी डॉक्टर्स मौजूद नहीं थे।
वहीं बाकी कक्षों का भी यही हाल थी। चार से पांच डॉक्टरों को छोड़कर बाकी अन्य डॉक्टर नदारद थे। इधर मरीजों की बेदम भीड़ लगी थी। कुछ डॉक्टर छुट्टी पर रहे, लेकिन मरीजों को बताना वाला भी कोई नहीं था। ऐसे में अधिकांश मरीज बिना इलाज कराए लौटना पड़ा तो कई मरीजों को लंबा इंतजार कर दूसरे डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ा। मरीजों को बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ा। कई मरीजों ने यहां तक कह दिया कि कलेक्टर साहब को यहां आकर स्थिति देखनी चाहिए।
निरीक्षण करना चाहिए तब पता चलेगा कि जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने के बावजूद यहां इलाज के नाम पर अधिकांश दिन दर्द मिलता है। बुधवार को सैकड़ों मरीज ओपीडी में पहुंचे लेकिन डॉक्टरों को दिखाने के लिए पर्चा लेकर भटकते रहे। नाक, कान और गला विभाग, हड्ड्ी, कैंसर और सर्जरी विभाग के डॉक्टर को छोड़ ज्यादातर चेंबर खाली रहे।
चिकित्सकों के नहीं मिलने पर मरीज बैरंग लौट गए। अस्पताल में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक ओपीडी में मरीजों को देखने का समय है और शाम 5 से 6 बजे तक लेकिन यहां पर ज्यादातर चिकित्सक गायब रहे। इधर मरीज या उसके परिजनों को ये बताना वाला नहीं था कि कई डॉक्टर छुट्टी पर है या कहीं बाहर गए। मरीज के परिजन पर्ची कटाकर डॉक्टरों का इंतजार तीन घंटे तक करते रहते।
पत्रिका की टीम ने पड़ताल की तो यह बात सामने आई। ओपीडी में एक कक्ष के सामने 8 डॉक्टरों के बैठने का सामने नाम लिखा हुआ है। लेकिन इस चेबर में दोपहर 12 बजे एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। इसी तरह स्किन रोग विशेषज्ञ कक्ष के बाहर भी मरीजों की लाइन लगी रही, यहां भी डॉक्टर नहीं मिले। कुछ ऐसा ही हाल आयुष चिकित्सक कक्ष के बाहर रहा। यहां भी डॉक्टर 12 बजे गायब रहे।
ओपीडी में लाइन में खड़े एक बुजुर्ग ने बताया कि कि घंटेभर पहले पर्चा लेकर आया, तभी एक मेडिकल चिकित्सक डॉक्टर बोले, बैठो अभी कुछ देर से आ रहा हूं। आधा घंटे हो गए डॉक्टर साहब अभी नहीं आए। कई दिनों से सीने में दर्द उठ रहा है। डॉक्टर नहीं मिले तो वह सीने में दर्द लिए लौट गए। इसी तरह सैकड़ों मरीज परेशान होते रहे। मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों की लंबी लाइन लगे होने के बाद भी अचानक बाहर निकल गए। इधर मरीज डॉक्टर के आने का इंतजार करते रहे।
जिला अस्पताल में व्यवस्था बनाने का काम अस्पताल सलाहकार का है। साथ ही उसको डॉक्टरों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। बुधवार को पहुंचे सैकड़ों मरीज के परिजन अस्पताल सलाहकार अंकित ताम्रकार के पास जानकारी लेने पहुंचे। लेकिन वे सभी को आरएमओ के पास भेजते रहे। डॉक्टरों की छुट्टी या डॉक्टरों का चेबर खाली होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा इसकी कोई जानकारी नहीं है। साथ ही आरएमओ डॉ. संदीप साहू ने कहा कि अभी तो डॉक्टर बैठे थे, पता नहीं कहीं चले गए होंगे। इधर मरीजों की लाइन लगी हुई है।
शहर के गजेन्द्र यादव अपने भतीजे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था। उसको स्किन रोग विशेषज्ञ से इलाज कराना था, पर्ची कटाकर कक्ष के बाहर बैठा रहा, घंटों बैठने के बाद पत्रिका की टीम को बताया कि डॉक्टर 12 बजे तक पहुंची, तो पता चला कि आज डॉक्टर काशिफा रफत छुट्टी पर है। इसी तरह बहनी का एक मरीज पिछले तीन दिनों से डॉक्टर के पास इलाज कराने पहुंच रहा है। बुधवार को सुबह ९ बजे से पहुंच गया था, 12 बजे तक उसको ये बताना वाला नहीं मिला की आज डॉक्टर छुट्टी पर है।
Updated on:
23 Oct 2025 04:07 pm
Published on:
23 Oct 2025 04:06 pm
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