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‘सुधर जाओ नहीं तो…’ बिहार के इस मंत्री को माओवादियों का अल्टीमेटम, काला झंडा और पर्चा भी मिला

बिहार के मंत्री सुमित कुमार सिंह को माओवादियों ने धमकी भरा पर्चा और काला झंडा भेजकर 'सुधर जाओ' की चेतावनी दी है। जमुई के खेल मैदान में मिले इस पर्चे में कई नेताओं के नाम हैं और चुनाव प्रचार न करने की हिदायत दी गई है।

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sumit singh

धमकी भरा पर्चा और मंत्री सुमित सिंह

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक हलचल के साथ-साथ सुरक्षा का माहौल भी चिंताजनक होता जा रहा है। इसी बीच बिहार सरकार में मंत्री और चकाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुमित कुमार सिंह को लेकर सनसनीखेज खबर सामने आई है। जमुई जिले के चिहरा थाना क्षेत्र के बरमोरिया पंचायत के रक्खा टोला स्थित खेल मैदान में भाकपा माओवादी के नाम से लिखे धमकी भरे पर्चे और काले झंडे मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है। पर्चे में सीधे तौर पर सुमित कुमार सिंह समेत कई नेताओं के नाम लेकर उन्हें सुधर जाने की चेतावनी दी गई है, साथ ही न मानने पर “छह इंच छोटा” करने की धमकी दी गई है।

खेल मैदान में मिला खौफ़नाक संदेश

जानकारी के अनुसार, जब कुछ युवा फुटबॉल खेलने मैदान पहुंचे तो उन्होंने जमीन पर बिखरे पर्चे, काले झंडे, सफेद पाउडर और सिंदूर से बनी आकृतियाँ देखीं। पर्चे पर लाल कलम से भाकपा माओवादी लिखा हुआ था और उसमें कई नेताओं के नाम लिखते हुए धमकी दी गई थी। इसमें लिखा गया था कि “सुधर जाओ, नहीं तो अंजाम भुगतना होगा।” पर्चे में सुमित कुमार सिंह के नाम के साथ-साथ चुनावी प्रचार न करने का निर्देश भी दिया गया है। पर्चे के अंत में “लाल सलाम” लिखा गया है, जिससे नक्सली संगठन का संकेत दिया गया है।

प्रशासन ने लिया मामला गंभीरता से

सूचना मिलते ही चिहरा थाने की पुलिस मौके पर पहुँची। इसके बाद झाझा के एसडीपीओ राजेश कुमार ने स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने पर्चे और काले झंडे को जब्त कर केस दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि फोरेंसिक टीम से सैंपल भेजे जा रहे हैं और मामले की गहराई से जांच की जाएगी। साथ ही प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अफवाहों से बचने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है।

नक्सली खतरे की नई आशंका?

हालाँकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि यह धमकी वाकई माओवादी संगठनों की तरफ से आई है या किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा है। पुलिस के अधिकारी इसे “शरारती तत्वों की करतूत” भी मान रहे हैं। लेकिन पर्चे में लिखे धमकी भरे शब्दों और हथियारों की मांग से यह घटना स्थानीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है। चुनावी मौसम में ऐसी धमकियाँ राजनीतिक अस्थिरता और भय का माहौल पैदा कर सकती हैं।

सियासी असर की आशंका

सुमित कुमार सिंह के नाम के साथ पर्चे में कई अन्य स्थानीय नेताओं का उल्लेख है, जिससे यह साफ है कि धमकी का उद्देश्य सिर्फ डराना नहीं बल्कि राजनीतिक माहौल को प्रभावित करना है। चुनाव से पहले इस तरह की घटनाएँ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं। क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी का डर, प्रशासन की तत्परता और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, तीनों मिलकर स्थिति को गंभीर बना रहे हैं।

प्रशासन का आश्वासन

जमुई पुलिस ने कहा है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और हर पहलू से जांच की जाएगी। सुरक्षा बढ़ाई जाएगी और चुनाव के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। पुलिस का दावा है कि किसी भी तरह की साजिश का पर्दाफाश कर जल्द कार्रवाई की जाएगी।