रामसीन के निकट बीठन बांध का बारिश के दौरान लिया गया दृश्य (फोटो- पत्रिका)
जालोर: रामसीन क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बीठन बांध से जुड़ी सिंचाई परियोजना को बेहतर करने के लिए इसके कैनाल सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा। लघु सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की श्रेणी में शुमार इस बांध की आठ किलोमीटर 800 मीटर कैनाल को दुरुस्त किया जाएगा।
लंबे समय से इसके वितरण सिस्टम की मरम्मत नहीं हो पाई थी, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा था। इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए 2.16 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार, यह बांध साल 1964 में बना था और उसके बाद पहली बार बड़े स्तर पर इसकी दशा सुधारने का काम होगा।
बीठन बांध की कैनाल से मुख्य रूप से बीठन, रामसीन, रतपुरा और पुनककला गांव जुड़े हुए हैं। कैनाल डेमेज होने से किसानों को पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा। इस बांध आधारित 776.65 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र है।
इस बांध का कैचमेंट एरिया 75.1 स्क्वॉयर किलोमीटर है। बांध की भराव क्षमता 254.23 एमसीएफटी है। जिले का यह तीसरा बड़ा बांध है। जिले में सबसे बड़ा बांध बांकली है, जिसकी कुल क्षमता 34.55 एमक्यूएम है। इसके बाद दूसरा बड़ा बांध बांडी सिणधरा है। इसकी क्षमता 28.69 एमक्यूएम है। वहीं, चवरछा और बीठन बांध समकक्ष ही हैं।
बांध की मरम्मत और रखरखाव की कड़ी में यह अहम कार्य हो रहे हैं। बांध की मरम्मत के साथ कैनाल की मरम्मत के जरिए पानी की छीजत को रोकना और बेहतर तरीके से किसानों को सिंचाई का पर्याप्त पानी मुहैया करवाना इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य है।
बीठन बांध में वर्तमान में 3.35 मीटर पानी मौजूद है। इसी तरह बांकली में 6.40 मीटर, चवरछा में 0.35 मीटर, नोसरा नहर में 2.70, खेड़ा सुमेरगढ़ में 3.20 मीटर, बांडी सिणधरा में 0.40 मीटर, वणधर में 0.50 मीटर पानी मौजूद है।
बीठन लघु सिंचाई परियोजना का अहम बांध है। लंबे समय से इसकी कैनाल से पानी छीजत की शिकायत मिल रही थी। अब इसकी कैनाल की मरम्मत और बांध की दशा सुधारने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो रही है। भविष्य में सिंचाई परियोजना से जुड़े किसानों को फायदा मिलेगा।
-श्याम सिंह, जल संसाधन विभाग, भीनमाल
Published on:
14 Oct 2025 01:36 pm
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