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मोहनगढ़ में दोहरा हत्याकांड: निर्माण कार्य में भुगतान को लेकर था विवाद, एक आरोपी गिरफ्तार

मोहनगढ़ क्षेत्र में व्यापारी मदनलाल सारस्वत और उनके मुनीम रेंवतराम की हत्या के प्रकरण में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

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मोहनगढ़ क्षेत्र में व्यापारी मदनलाल सारस्वत और उनके मुनीम रेंवतराम की हत्या के प्रकरण में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गौरतलब है कि दोहरे हत्याकांड के बाद एसआइटी का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार पोकरण ने किया। एसआइटी में शामिल प्रमुख अधिकारियों में नाचना वृत्ताधिकारी गजेन्द्रसिंह चम्पावत, पोकरण वृत्ताधिकारी भवानीसिंह, मोहनगढ़ थानाधिकारी नाथूसिंह शामिल थे। एसआइटी ने घटनास्थल का दौरा कर एफएसएल टीम और डॉग स्क्वाड के माध्यम से मौके पर साक्ष्य संकलित किए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पोकरण के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तकनीकी अनुसंधान, फील्ड इंटेलिजेंस और सूचना संकलन के माध्यम से घटना की तह तक जाने का प्रयास किया। नाचना थानाधिकारी भूट्टाराम, फलसूंड थानाधिकारी अमराराम, तकनीकी टीम प्रभारी भीमरावसिंह ने आपसी समन्वय स्थापित कर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में लगातार दबिशें दी। करीब 50 अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिन-रात लगभग 600 किलोमीटर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर महत्वपूर्ण सुराग प्राप्त किए। अनुसंधान के दौरान एक आरोपी गुरप्रीतसिंह पुत्र बलजिंद्रसिंह निवासी फरीद खेडा, पंजाब को गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से लूटी गइ कार भी बरामद की गई। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं।

भुगतान का मना किया तो कर दी हत्या

जानकारी के अनुसार घटना के समय मदनलाल सारस्वत का निर्माण कार्य चल रहा था। आरोपी उसी कार्य में लगे हुए थे। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही भुगतान करना तय था, लेकिन आरोपियों ने बिना काम पूरा किए ही भुगतान की मांग की। जब मदनलाल सारस्वत ने भुगतान देने से इनकार किया, तो आरोपियों ने खफा होकर धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। घटना की रिपोर्ट पंकज कुमार सारस्वत ने मोहनगढ़ थाने में 21 अक्टूबर को दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि उनके पिता और मुनीम की 20 अक्टूबर की रात में हत्या की गई और आरोपियों ने रुपए व कार लूट लिए।

यूं चढ़े पुलिस के हत्थे

पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने बताया कि प्रकरण की त्वरित और प्रभावी जांच में टीम के समन्वय, तकनीकी अनुसंधान और सूचना संकलन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत की सराहना की और कहा कि अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना प्राथमिकता है।