
स्वर्णनगरी इन दिनों गुजराती सैलानियों की पसंदीदा नगरी बनी हुई है। दीपावली के बाद से शहर में गुजराती पर्यटकों की आमद इतनी बढ़ गई है कि हर सडक़, हर गली और हर मार्ग गुजराती बोलियों की गूंज सुनाई दे रही है। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा स्थानीय गाइड्स को हुआ है, जिन्होंने गुजराती भाषा में दक्षता हासिल कर पर्यटकों के दिलों में जगह बना ली है। जहां कभी विदेशी भाषाओं के गाइड्स की मांग अधिक रहती थी, वहीं अब गुजराती बोलने वाले गाइड्स भी जैसलमेर पर्यटन के नए सितारे बन गए हैं। प्रमुख पर्यटन स्थलों पर ऐसे गाइड्स की पूछ लगातार बढ़ रही है।
गुजरात से आने वाले सैलानी परिवार के साथ होते हैं और उन्हें अपने ही अंदाज में बात करने वाला गाइड तुरंत अपनापन दे देता है। इस कारण वे ऐसे गाइड्स को प्राथमिकता देते हैं, जो गुजराती में इतिहास, लोककथाएं और किले की कहानियां सुनाएं। गाइड विजय नाथ ने बताया कि मैंने तीन साल पहले गुजराती भाषा सीखना शुरू किया। अब गुजराती सैलानी खुद नाम पूछकर मेरी बुकिंग करते हैं। पिछले सीजन की तुलना में इस बार मेरी आमदनी दोगुनी हुई है।
पर्यटन विभाग से प्रमाणित युवा गाइड्स गुजराती भाषा सीखकर इस क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। प्रशिक्षण और अनुभव ने न केवल उनकी आय बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया है। गाइड दादूराम, नरेश सारस्वत, प्रकाश कुमावत व गोपाल छंगाणी बताते हैं कि गुजराती सैलानियों को समझना आसान है। वे संस्कृति को दिल से जीते हैं और अपनी भाषा में संवाद सुनकर खुश होते हैं। अब हम गाइडिंग को सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि कला मानते हैं।
रिसोर्ट संचालक आनंदसिंह तंवर के अनुसार गुजराती सैलानी परिवार के साथ आते हैं और रुकने की अवधि भी लंबी होती है। भाषा में अपनापन मिलने से उनका अनुभव बेहतर होता है। इसका सीधा असर होटल, टैक्सी और रेगिस्तान सफारी कारोबार पर पड़ रहा है। उनके अनुसार सैलानियों के जैसलमेर में ठहराव बढऩे का श्रेय गाइड्स को जाता है जो उन्हें अपनी भाषा में घुल-मिलकर पूरा अनुभव कराते हैं।
पर्यटन कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि भाषा-आधारित गाइडिंग आने वाले समय में बड़ा रोजगार क्षेत्र बनेगी। जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर के युवाओं के लिए यह सुनहरा अवसर है।
गाइड श्रवण कुमार बताते हैं कि जैसलमेर का पर्यटन परिदृश्य बदल रहा है। भाषा में अपनापन, स्थानीय संस्कृति का परिचय और आत्मीयता से भरा संवाद — यही अब पर्यटन सफलता का नया सूत्र बन गया है। गुजराती बोलने वाले गाइड्स न सिर्फ सैलानियों का मन जीत रहे हैं, बल्कि जैसलमेर की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा दे रहे हैं।
Published on:
25 Oct 2025 11:23 pm
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