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मालवाहक वाहन को स्कूल वैन बनाकर कर रहे बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़

स्वर्णनगरी में स्कूली परिवहन की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। हाल ही में निजी बस में आग से हुई दर्दनाक घटना के बाद भी सुरक्षा इंतजामों में सुधार नहीं हुआ।

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स्वर्णनगरी में स्कूली परिवहन की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। हाल ही में निजी बस में आग से हुई दर्दनाक घटना के बाद भी सुरक्षा इंतजामों में सुधार नहीं हुआ। गुरुवार को परिवहन विभाग की टीम ने बाड़मेर मार्ग स्थित एक निजी स्कूल से जुड़े कैंपर वाहन को पकड़ा, जिसमें करीब 25 स्कूली बच्चे ठूंसे हुए मिले। यह वाहन मालवाहक श्रेणी का था, जिसे अवैध रूप से बच्चों के परिवहन में इस्तेमाल किया जा रहा था। टीम के पहुंचते ही चालक वाहन वहीं छोडकऱ मौके से फरार हो गया। जांच में सामने आया कि यह वाहन लंबे समय से स्कूल आने-जाने के लिए उपयोग में लिया जा रहा था, जबकि इसके कागजात और फिटनेस पूरी तरह अवैध थे।

न सुरक्षा बेल्ट और न पर्याप्त सीटें.. वाहन में ठूस-ठूसकर बैठे थे बच्चे

कैंपर वाहन अत्यंत जर्जर स्थिति में था और बच्चों को ले जाने के लिए किसी भी तरह से उपयुक्त नहीं था। वाहन में न सुरक्षा बेल्ट थीं और न पर्याप्त सीटें। बच्चों को ठूस-ठूसकर बैठाया गया था, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता था। जांच के दौरान वाहन के पंजीकरण और फिटनेस में कई अनियमितताएं पाई गईं। बोलेरो कैंपर को दूसरे वाहन की मदद से परिवहन कार्यालय लाकर जब्त किया गया और फिटनेस निरस्त कर दी गई।

बच्चों की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं, शिकायत हो तो बताएं: पूनड़

पूनड़ ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। वाहन मालिक और संबंधित स्कूल प्रशासन के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विभाग ने स्कूल प्रशासन से भी जवाब तलब किया है कि आखिर मालवाहक वाहन को स्कूली उपयोग की अनुमति कैसे दी गई ? उन्होंने अभिभावकों और आमजन से अपील की कि ऐसे वाहनों की सूचना तुरंत परिवहन विभाग को दें, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। फिलहाल वाहन को जब्त कर लिया गया है और जांच पूरी होने तक रिहा नहीं किया जाएगा।