
युद्धाभ्यास के दौरान गुरुवार रात हेवी आर्टिलरी से दागे गोले आसमान में चमकते नजर आए। फोटो- पत्रिका
बीकानेर/ जैसलमेर। भारत की पश्चिमी सीमाओं पर सैन्य शक्ति का अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। बीकानेर के महाजन और जैसलमेर के रेगिस्तानी धोरों में भारतीय सेना ने ‘सेंटिनल स्ट्राइक’ और ‘त्रिशूल’ जैसे युद्धाभ्यासों के जरिए अपनी रणनीतिक क्षमता, आधुनिक हथियारों और मल्टी-डोमेन ऑपरेशनों का दमखम दिखाया।
अभ्यासों में अटैक हेलीकॉप्टर, मिसाइल यूनिट, टैंक, ड्रोन और विशेष बलों की संयुक्त कार्रवाई ने काल्पनिक दुश्मन को नेस्तनाबूत कर युद्ध की तैयारियों का संदेश दिया। पाकिस्तान ने इन गतिविधियों की प्रतिक्रिया में अपने हवाई क्षेत्र के कई हिस्सों को बंद कर दिया है।
सेना की सप्त शक्ति कमान ने महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में इंटीग्रेटेड फायर एंड एक्सरसाइज के तहत ‘सेंटिनल स्ट्राइक’ युद्धाभ्यास किया। दो दिवसीय इस अभ्यास के अंतिम दिन गुरुवार को सुबह से देर रात तक फायरिंग रेंज में गोला-बारूद के धमाके गूंजते रहे। सैनिकों ने जमीनी और हवाई युद्ध का अभ्यास किया। इसमें मैकेनाइज्ड फोर्सेस, जमीन से हवा और जमीन पर मार करने वाले हथियार और हवाई हमले के अभ्यास देखने को मिले।
सैन्य अभ्यास के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर सप्त शक्ति कमान तथा वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। युद्धाभ्यास में आधुनिक तोपखाने के हथियारों और घातक गोला-बारूद प्रणालियों का उपयोग किया गया। मिशन इंगेजमेंट, मैकेनाइज्ड फोर्सेस की ओर से दुश्मन पर जमीन से आक्रमण और ड्रोन थ्रेट के दौरान जमीन और हवाई फायरिंग का लाइव प्रदर्शन किया गया। युद्धाभ्यास के दौरान सेना के अटैक हेलीकॉप्टर, तोपें, अजेय (टी -72 टैंक) और बीएमपी से काल्पिनिक दुश्मन के टारगेट नेस्तानाबूत किए गए।
जैसलमेर में ‘त्रिशूल’ के तहत गुरुवार को बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू हुआ। यह अभ्यास गुजरात और राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में होगा, लेकिन इसका प्रमुख केंद्र कच्छ क्षेत्र रहेगा। जिसे पाकिस्तान के साथ संभावित नए तनाव क्षेत्र के रूप में देखा जा रहा है। अभ्यास में थल सेना, वायुसेना और नौसेना के 30 हजार से ज्यादा सैनिक भाग ले रहे हैं। अभ्यास 11 नवम्बर तक चलेगा।
‘त्रिशूल’ युद्धाभ्यास में थल सेना ने टी-90 टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट और आकाश वायु रक्षा प्रणाली को शामिल किया है। यही प्रणाली मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मिसाइलों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर चुकी है।
इसके अलावा स्वदेशी प्रचंड अटैक हेलीकॉप्टर भी अभ्यास का हिस्सा है। वायुसेना की ओर से राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमान, साथ सी गार्डियन और हेरोन ड्रोन तैनात किए गए हैं। नौसेना ने कोलकाता-क्लास डेस्ट्रॉयर और नीलगिरी-क्लास फ्रिगेट के साथ तेज आक्रमण इकाइयां भेजी हैं। अभ्यास में पैरा एसएफ, मरीन कमांडो (मार्कोस) और वायुसेना की कमांडो यूनिट गरुड़ भी भाग ले रही हैं।
Published on:
31 Oct 2025 06:00 am
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