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Bisalpur: जयपुर की प्यास नाप रहीं कागजी योजनाएं… कागजों में खो गया पानी, बीसलपुर प्रोजेक्ट विंग की प्लानिंग फेल

जयपुर शहर की वर्ष 2021 तक पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया बीसलपुर सिस्टम अब नए प्रोजेक्ट जुड़ते ही हांफ रहा है और शहर में स्थायी जल संकट की स्थिति दिख रही है। विंग के फेल होने का खमियाजा शहर की 50 लाख से ज्यादा आबादी को भुगतना पड़ेगा।

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जर्जर पाइप लाइन से हांफता बीसलपुर वाटर सप्लाई सिस्टम, पत्रिका फोटो

जयपुर शहर की वर्तमान और भविष्य की बढ़ती पेयजल जरूरतों के लिए गठित बीसलपुर प्रोजेक्ट विंग प्लानिंग में ही फेल हो गई है। इसी का नतीजा है कि वर्ष 2021 तक शहर की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया बीसलपुर सिस्टम अब नए प्रोजेक्ट जुड़ते ही हांफ रहा है और शहर में स्थायी जल संकट की स्थिति दिख रही है। विंग के फेल होने का खमियाजा शहर की 50 लाख से ज्यादा आबादी को भुगतना पड़ेगा। वहीं फील्ड इंजीनियर भी होने वाले जल संकट की आहट को पहचान रहे हैं। इस बार मानसून सीजन और उसके बाद भी बीसलपुर डेम में पानी की बंपर आवक होने के बाद भी जयपुर शहर के बाशिंदों को सर्दी के मौसम में भी बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।

बढ़ती पेयजल जरूरत के लिए बनी थी बीसलपुर प्रोजेक्ट विंग

2006 में बीसलपुर से जयपुर तक 2300 एमएम की लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ
556 करोड़ रुपए की लागत आई थी पाइप लाइन बिछाने पर
1 मार्च 2009 से जयपुर शहर में बीसलपुर सिस्टम से पानी की सप्लाई शुरू हुई
2021 की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया था सिस्टम

नई पाइप लाइन बिछाने में लगेंगे पांच साल

नई पाइप लाइन बिछाने की प्लानिंग के मामले में लापरवाह रही प्रोजेक्ट विंग अब जागी है, लेकिन बजट घोषणा के आठ महीने बाद भी अभी डीपीआर बनना शुरू नहीं हुई। विभागीय इंजीनियर कह रहे हैं कि इस स्थिति में नई लाइन बिछाने का काम 2030 तक ही पूरा होगा।

पृथ्वीराज नगर फेज-द्वितीय शुरू होते ही आएगा जल संकट: अभी शहर में 58 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई हो रही है। पृथ्वीराज नगर फेज द्वितीय शुरू होते ही बीसलपुर सिस्टम पर दबाव आएगा और बाकी शहर की सप्लाई प्रभावित होगी और कई इलाकों में जल संकट सामने आएगा।

10 साल में भी नई पाइप लाइन की कवायद नहीं

विंग का काम साल दर साल शहर की पेयजल जरूरतों के हिसाब से बीसलपुर सिस्टम को अपग्रेड करना था। वर्ष 2009 से शहर में बीसलपुर से पानी की सप्लाई शुरू हुई और धीरे-धीरे शहर की आबादी बढ़ती रही। विंग को यह पता होते हुए भी कि मौजूदा सिस्टम शहर की पेयजल जरूरतों को 2021 तक ही पूरा कर सकेगा। इस हिसाब से वर्ष 2015 में ही नई लाइन की कवायद शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन विंग इस प्लानिंग के मामले में लापरवाह रही और 2025 तक यानि 10 साल में भी नई पाइप लाइन बिछाने की कोई कवायद नहीं की गई। मौजूदा 16 साल पुरानी पाइप लाइन में 33 जगह लीकेज भी हैं।

जयपुर शहर बढ़ा, सिस्टम सिकुड़ा

जयपुर शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है और विंग 16 साल पुराने सिस्टम से ही नए प्रोजेक्ट शुरू करती जा रही है। ऐसे में बीसलपुर सिस्टम शहर की बढ़ती पेयजल जरूरतों के सामने सिकुड़ रहा है और जल संकट की स्थायी स्थिति बनती दिख रही है।

अब ये नए प्रोजेक्ट जुड़े

  • पृथ्वीराज नगर फेज प्रथम- 19 टंकियों का निर्माणढाई लाख की आबादी लाभान्वित हो रही।
  • पृथ्वीराज नगर फेज - द्वितीय46 टंकियों का होगा निर्माण, 5 लाख से ज्यादा की आबादी होगी लाभान्वित58 करोड़ लीटर पानी सप्लाई का दावा कर रहे हैं इंजीनियर

1986 करोड़ की लागत से बिछेगी पाइप लाइन

बीसलपुर से जयपुर तक नई पाइप लाइन बिछाने के लिए 1986 करोड़ रुपए का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। शहर में प्रतिदिन 58 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई हो रही है और किसी क्षेत्र से पानी की किल्लत की सूचना नहीं है। पृथ्वीराज नगर फेज-द्वितीय शुरू होने के बाद भी शहर में पानी की किल्लत नहीं होगी। बीसलपुर पाइप लाइन से प्रतिदिन 72 करोड़ लीटर पानी ले सकते हैं। -शुभांशु दीक्षित, अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर, जलदाय विभाग