जयपुर। रवीन्द्र मंच को फिर से गुलजार करने के लिए यहां आम पब्लिक को आकर्षित करने वाली सुविधाएं जुटाने की जरूरत है। आमेर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना जरूरी है। बुधवार को रवीन्द्र मंच और अल्बर्ट हॉल के मीटिंग रूम में राजस्थान विजन दस्तावेज 2030 के लिए एकत्र हुए स्टेकहोल्डर्स और कलाकारों ने ये सुझाव दिए। इस बैठक का उद्देश्य प्रदेश की कला एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने, कलाकारों को ज्यादा अवसर उपलब्ध करवाने और लोक कला संरक्षण था।
कॉफी हाउस, लाइब्रेरी की जरूरत
रवीन्द्र मंच प्रबंधक प्रियव्रत चारण के साथ हुई मीटिंग में कलाकारों ने अपनी राय और सुझाव साझा किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह जवाहर कला केन्द्र और अब राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर को लोगों के एंटरटेनमेंट स्पॉट्स के तर्ज पर विकसित किया गया है। उसी तरह रवीन्द्र मंच को भी फिर से लोगों के बीच लोकप्रिय करने के लिए यहां सुविधाओं में इजाफा किये जाने की जरूरत है। खासकर यहां लोगों के जलपान के लिए कैफेटेरिया, गेस्ट हाउस और लाइब्रेरी जल्द से जल्द बनाई जाए। कल्चर सेंटर बनाने के लिए पहले रवीन्द्र मंच की नीरसता को दूर करने की जरूरत है।
आमेर-नाहरगढ़ में रोप-वे बने एडवेंचर
वहीं पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग निदेशालय, अल्बर्ट हॉल में निदेशक डॉ. महेन्द्र खडग़ावत की अध्यक्षता में भी एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें आमेर और परकोटा क्षेत्र से 25 से 30स्टेकहोल्डर्स शमिल हुए। मीटिंग में आमेर और नाहरगढ़ में रोप-वे विकसित करने का सुझाव सबसे खास रहा। अल्बर्ट हॉल सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश छोलक ने बताया के आमेर में ट्रैफिक व्यवस्था के समाधान के लिए रोप-वे का सुझाव काफी अहम था। इसके लिए आमेर स्थित माधो सिंह का ठाणा से आमेर महल और जयगढ़ से नाहरगढ़ रोप-वे बनने से शहर के पर्यटन में नया एडवेंचर जुड़ेगा।
Published on:
07 Sept 2023 12:13 am