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राजस्थान राज्य अभिलेखागार का मामला: चहेते को मलाई…. पुरालेखपाल बन गए निदेशक

सरकार किसी की भी हो, उंचे पदों पर वही मिलते हैं, जिनके सरकार या मंत्रियों से उंचे रसूख हों, और बाकी वरिष्ठता, नियमों को कभी भी बदला जा सकता है। इसी का बड़ा उदाहरण देखने को मिला है राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर के निदेशक पद पर।

जयपुर

Tasneem Khan

Mar 01, 2024

Rajasthan State Archives case

जयपुर। सरकार किसी की भी हो, उंचे पदों पर वही मिलते हैं, जिनके सरकार या मंत्रियों से उंचे रसूख हों, और बाकी वरिष्ठता, नियमों को कभी भी बदला जा सकता है। इसी का बड़ा उदाहरण देखने को मिला है राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर के निदेशक पद पर। यहां के पूर्व निदेशक आईएएस महेंद्र खड़गावत के ट्रांसफर के बाद जिसे पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया, वो वरिष्ठ तो छोड़ो राज्य सेवाओं में भी नहीं है।

अभी यहां पर अधीनस्थ सेवा अधिकारी नीतिन गोयल को निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार सरकार ने दिया है। जबकि नियमों के मुताबिक निदेशक पद पर अधीनस्थ सेवाओं की बजाय राज्य सेवाओं के अधिकारियों को लगाया जाता है। इन सारे नियमों को ताक पर रख सरकार ने यह पद गोयल को दिया है, जबकि उनका मूल पद राजस्थान राज्य अभिलेखागार में पुरालेखपाल का है। आपको बता दें कि अभिलेखागार राज्य के कला, साहित्य, संस्कृति व पुरातत्व विभाग के अधीन आता है। इस मामले में जब विभाग के आला अधिकारियों से बात की गई तो इस मामले में किसी से जवाब ना बना।

3 सहायक निदेशकों को किया साइड
नियम के मुताबिक विभाग में निदेशक पद खाली है तो पहले उपनिदेशक को कार्यभार दिया जाता है। लेकिन यहां एक उपनिदेशक हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से अतिरिक्त कार्यभार लेने से इंकार कर दिया। जबकि उसके बाद 3 सहायक निदेशक भी हैं। उनमें से किसी एक को यह कार्यभार दिया जाना था, उसे भी नकारते हुए अधीनस्थ सेवा से चार्ज देने में विभाग के अधिकारियों में नाराजगी है। उपनिदेशक व सहायक निदेशक भी राज्य सेवा के अधिकारी होते हैं।

इनका कहना है
इस मामले में मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं हैड आफ डिपार्टमेंट नहीं हूं। आप अधिकारियों से बात करें।
नवीन यादव,
उप शासन सचिव, कला, साहित्य, संस्कृति व पुरातत्व विभाग