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Rajasthan News: खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र हजारों गरीबों को नहीं मिल रहा सस्ता राशन, जानिए वजह

गरीबों को राहत देने वाली राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र हजारों लोगों को सस्ती दर पर राशन उपलब्ध नहीं हो रहा है।

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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना

Photo- Patrika

जयपुर/कोटपूतली। गरीबों को राहत देने वाली राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कारण राहत नहीं बल्कि निराशा है। पात्र लाभार्थियों को सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना में अपात्र लोगों के हटाने के बाद पात्र लोगों को योजना से जोड़ा जा रहा है। लेकिन पात्र लोगों की ओर से योजना से जुड़ने के लिए आवेदन करने वाले लोगों में से काफी लोगों के आवेदन विभिन्न स्तरों पर लम्बित रहने से इनको सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध नहीं हो रहा है।

अधिकारिक स्तर पर सत्यापन के अभाव में पात्र लोगों के नाम योजना में नहीं जुड रहे हैं। इस योजना में जिले में 9 अक्टूबर तक 9 हजार 134 लोगों ने योजना से जुड़ने के लिए आवेदन किया गया था। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लेट लतीफी के चलते इनका सत्यापन अधूरा रह गया और बडी संख्या में पात्र लोगों की आवेदन प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो पाई। इससे कोटपूतली-बहरोड़ जिले में हजारों आवेदकों की उम्मीदें अधर में लटक गई। इसके अलावा बड़ी संख्या में आवेदकों की केवाईसी प्रक्रिया लंबित होने से वे अब तक योजना से बाहर हैं।

नीमराणा बर्डोद में सबसे अधिक लम्बित

खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए आवेदन करने वाले पात्र लोगों में से सबसे अधिक 364 आवेदन नीमराणा बर्डोद ब्लाॅक में लम्बित है। इसके अलावा 184 बानसूर व 172 नारायणपुर में लम्बित है। सबसे अधिक 772 आवेदन कमियां होने पर बानसूर में लौटाए गए है।

सत्यापन में फंसी योजना

सरकार ने इस योजना में पात्र लोगों को जोड़ने के लिए त्रिस्तरीय कमेटियों का गठन किया था, जिनके सत्यापन के बाद ही नाम योजना में शामिल किए जाने थे। शहरी क्षेत्र में एसडीएम और ग्रामीण क्षेत्र में विकास अधिकारी को अंतिम स्वीकृति का अधिकार सौंपा गया। हालांकि जांच व स्वीकृति की धीमी प्रक्रिया के चलते कई आवेदन स्वीकृत नहीं हो सके। नतीजतन, बड़ी संख्या में पात्र लोग योजना में शामिल होने से वंचित रह गए।

गिव-अप अभियान’ बना सहारा

राजस्थान सरकार ने योजना के तहत खाद्यान्न का कोटा नहीं बढ़ाया है। इसलिए योजना में नए नाम जोड़ने के लिए 'गिव-अप अभियान' चलाया गया, जिसके तहत अपात्र लोगों से योजना छोड़ने की अपील की गई। कोटपूतली-बहरोड़ जिले में 75 हजार 165 लोगों ने स्वेच्छा से नाम हटवाए हैं। जिससे उनके स्थान पर नए पात्र लाभार्थियों को जोड़ने की योजना है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की लगातार मांग के बाद सरकार ने लम्बे समय बाद योजना से जोड़ने के पोर्टल खोला था। इसके बाद पात्र लोग योजना से जुड़ रहे हैं।

इनका कहना है….

खाद्य सुरक्षा योजना में 1117 आवेदन विभिन्न स्तर पर स्वीकृत नहीं होने से योजना से जुड नहीं पा रहे हैं। इनकी जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद इनको खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा भी केवाईसी नहीं होने से अभी कई पात्र लोग योजना से बाहर हैं।

  • शशि शेखर शर्मा, जिला रसद अधिकारी, कोटपूतली-बहरोड़