
महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक (फोटो-पत्रिका)
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार विकास के साथ-साथ राज्य की समृद्ध विरासत और धार्मिक धरोहरों के संरक्षण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आस्था धामों, ऐतिहासिक स्थलों और पर्यटक सर्किट से जुड़े सभी विकास कार्यों को निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए। साथ ही, ऐतिहासिक इमारतों के निर्माण एवं संरक्षण के लिए विशेष प्रकोष्ठ गठित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट, तनोट माता मंदिर और पूंछरी का लौठा के विकास एवं पुनर्विकास कार्यों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई।
सीएम ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के अदम्य साहस और स्वाभिमान की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार 'महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट' का विकास कर रही है। इस सर्किट में चावंड, हल्दीघाटी, गोगुंदा, कुंभलगढ़, दिवेर और उदयपुर जैसे ऐतिहासिक स्थलों को शामिल किया गया है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
सीएम ने चावंड में महाराणा प्रताप के समाधि स्थल के सुनियोजित विकास तथा प्रवेश द्वार व पुल निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप के स्वामीभक्त घोड़े चेतक के स्मारक को भव्य और ऐतिहासिक स्वरूप में विकसित करने के लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने जैसलमेर के तनोट माता मंदिर के पुनर्विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए श्रद्धालुओं के ठहरने, धर्मशालाओं और संपर्क सड़कों की बेहतर व्यवस्थाओं पर जोर दिया। साथ ही, पूंछरी का लौठा और गोवर्धन परिक्रमा से जुड़े विकास कार्यों की निविदा प्रक्रिया को गति देने के निर्देश दिए, ताकि श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई जा सकें।
बैठक में राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
Published on:
30 Oct 2025 09:16 pm
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