
पत्रिका फाइल फोटो
Jaipur Discom: जयपुर। जयपुर विद्युत वितरण निगम (जयपुर डिस्कॉम) ने प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। निगम ने अपने सभी थ्री फेज (गैर कृषि) उपभोक्ताओं के खराब मीटर बदलने का कार्य पूरा कर लिया है। अब इन उपभोक्ताओं को औसत बिल के बजाय उनकी वास्तविक बिजली खपत के आधार पर बिल जारी किए जाएंगे। इससे उपभोक्ताओं को जहां सही बिलिंग का लाभ मिलेगा, वहीं निगम के राजस्व में भी सुधार होगा।
डिस्कॉम के अनुसार, विगत तीन वर्षों में निगम ने डिफेक्टिव मीटरों की संख्या में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है। वर्ष 2022-23 में जयपुर डिस्कॉम क्षेत्र में थ्री फेज (कृषि व गैर कृषि), सिंगल फेज (शहरी व ग्रामीण) सहित 2 लाख 20 हजार से अधिक मीटर खराब थे, जिसके चलते निगम को लगभग 9.40 करोड़ रुपए की छूट उपभोक्ताओं को देनी पड़ी थी। लगातार सुधारात्मक प्रयासों के चलते अब यह संख्या घटकर मात्र 19,303 रह गई है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले छह माह में छूट की राशि घटकर केवल 12.50 लाख रुपए रह गई है।
जयपुर डिस्कॉम के अभियंताओं ने विगत कुछ महीनों में विशेष अभियान चलाकर 3,388 थ्री फेज गैर कृषि उपभोक्ताओं के डिफेक्टिव मीटर बदल दिए। निगम के लगभग 4 लाख गैर कृषि थ्री फेज उपभोक्ता हैं, जो डिस्कॉम के लिए अधिक बिजली उपभोग और राजस्व प्रदान करने वाले वर्ग में आते हैं।
इसके साथ ही करौली सर्किल ने भी शून्य डिफेक्टिव मीटर का दर्जा हासिल कर लिया है। इससे पहले कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, जयपुर सिटी नॉर्थ और साउथ, जेपीडीसी नॉर्थ तथा दौसा सर्किल पहले ही जीरो डिफेक्टिव श्रेणी में आ चुके हैं। अब कुल 9 सर्किल ऐसे हैं जहां सभी खराब मीटर पूरी तरह बदल दिए गए हैं।
मीटर के लंबे समय तक खराब रहने से डिस्कॉम के राजस्व पर नकारात्मक असर पड़ता है, क्योंकि नियमानुसार दो माह से अधिक समय तक डिफेक्टिव मीटर रहने पर उपभोक्ताओं को बिजली शुल्क में 5 प्रतिशत की छूट देनी होती है। ऐसे में जयपुर डिस्कॉम की यह पहल न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी है, बल्कि ऊर्जा वितरण में पारदर्शिता और दक्षता का नया उदाहरण भी है।
Updated on:
04 Nov 2025 09:59 pm
Published on:
04 Nov 2025 09:47 pm
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