जयपुर। सीमा ( LAC Standoff ) पर चीनी सेना की ओर से भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले ( India China Clash ) के विरोध में पूरे देश समेत प्रदेश के लोगों में गहरा आक्रोश है। चीन के इस हमले ( India China Border Tension ) के खिलाफ प्रदेश में कई जगहों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। राजधानी जयपुर में युवाओं ने मंगलवार शाम को स्टेचू सर्किल पर विरोध प्रदर्शन किया। युवाओं ने कहा कि चीन के सामान का बहिष्कार ( Chinese Goods Boycott ) कर हमारी देशभक्ति का परिचय देना है। हम चाइनीज सामान खरीद कर अप्रत्यक्ष तरीके से चीन को लाभ पहुंचा रहे हैं और वह उसी पैसे का दुरुपयोग हमारे देश के खिलाफ ही कर रहा है। इसलिए अब हमें चाइनीज सामान का बहिष्कार करना ही होगा। युवाओं ने चीन की नापाक हरकतों ( China Action ) के चलते उसके सामान का बहिष्कार करने का सभी से आह्वान किया है।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी ( Galwan Valley Ladakh ) में सोमवार को चीनी सेना से झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। भारतीय सेना ने देर शाम इसकी पुष्टि की। यह संख्या और भी बढ़ सकती है। 15 से 20 जवान अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। दिन में कर्नल बी संतोष बाबू, हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा की शहादत की खबर आई थी। उसके बाद से ही दिल्ली में बैठकों का दौर जारी रहा। इस बारे में भारत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास के कारण हुई। 1975 के बाद पहली बार चीन सीमा में हुई हिंसा में 43 चीनी सैनिक भी मारे गए हैं। हालांकि चीन ने अभी कबूल नहीं किया है। चीन ने उल्टा भारत के ऊपर ही आरोप मढ़ दिया। उसके विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक तरफा कार्रवाई न करें, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी। चीनी अखबार ने कहा कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया।
वहीं इन सब के बीच लोगों के मन में अब तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। लोगों के अनुसार क्या चीन से अब भारत का व्यापार बंद हो जाएगा? क्या अभी भी भारत चीन पर निर्भर है? वहीं चीन और भारत के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए विशेषज्ञों की राय है कि चीन को आर्थिक मोर्चे पर टक्कर देनी ही होगी। चीनी चुनौती का सामना करने के लिए जहां भारत सैन्य तैयारियों को मजबूती दे रहा है, वही विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मौजूदा समय में आर्थिक रूप से टक्कर देना भी जरूरी हो गया है। भारत को चीन से मुकाबले के लिए आर्थिक रूप से भी तैयारियां करनी होगी। चीनी कंपनियों ने हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल के बाजार पर बड़ी बढ़त हासिल कर ली है इसे तोड़ना ही होगा।
Updated on:
17 Jun 2020 10:05 am
Published on:
17 Jun 2020 10:03 am
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