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Rajasthan: CM भजनलाल ने दुकान और वाणिज्य से जुड़े दो प्रमुख अध्यादेशों को दी मंजूरी, श्रमिकों से जुड़े बदले नियम

राजस्थान में श्रमिक हितों और सामाजिक न्याय को सशक्त करने को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दो प्रमुख अध्यादेशों को मंजूरी दी है। अब 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे दुकानों में काम नहीं कर पाएंगे, जबकि महिलाओं को कारखानों में सुरक्षित कार्य अवसर मिलेंगे।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Oct 28, 2025

CM Bhajanlal Sharma

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (फोटो-पत्रिका)

जयपुर। राजस्थान दुकान एवं वाणिज्य संस्थान (संशोधन) अध्यादेश 2025 में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार कम उम्र के बच्चों को दुकानों और वाणिज्य संस्थानों में नियोजित नहीं किया जा सकेगा। प्रशिक्षु की न्यूनतम उम्र अब 12 वर्ष के स्थान पर 14 वर्ष अनिवार्य की गई है। वहीं, रात्रि के समय में 14 से 18 साल की उम्र के किशोर कार्य भी नहीं कर पाएंगे। पहले यह सीमा 12 से 15 वर्ष नियत थी।

इसी प्रकार, अध्यादेश में श्रमिकों की दैनिक कार्य अवधि की अधिकतम सीमा 9 के स्थान पर 10 घंटे नियत की गई है। वहीं, ओवरटाइम करने की अधिकतम सीमा को भी तिमाही में 144 घंटों तक बढ़ाया गया है। इससे दुकानों और व्यापारिक संस्थानों की कार्यक्षमता के साथ-साथ उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। प्रचलित राजस्थान दुकान एवं वाणिज्य संस्थान अधिनियम 1958 एक्ट के अनुसार 12 से 15 साल तक के किशोर अधिकतम 3 घंटे प्रतिदिन कार्य कर सकते थे। अध्यादेश में इसे बढ़ाकर 14 से 18 वर्ष तक कर दिया गया है।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान

राजस्थान कारखाना (संशोधन) नियम 2025 के तहत विशिष्ट प्रकृति के कारखानों में महिलाओं के काम पर रखने को स्वीकृति दी गई है। कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और निजता के अधिकार के संबंध में विशेष प्रावधान भी जोड़े गए हैं।

इन चीजों का रखना होगा ध्यान

नए नियमों के अनुसार कारखाना स्थल पर गर्भवती और धात्री महिला के अतिरिक्त अन्य महिलाएं कार्य कर सकेंगी। लेकिन नियोक्ताओं को ऐसी महिलाओं के लिए श्वसन तंत्र सुरक्षा, फेस शील्ड, हीट शील्ड, मास्क, ग्लब्स आदि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। साथ ही, कार्यस्थल पर वायु गुणवत्ता के साथ सभी श्रमिकों को सुरक्षा प्रशिक्षण भी सुनिश्चित किया जाएगा।

ये प्रतिबंध समाप्त

राज्य सरकार ने यह संशोधन भारत सरकार से प्राप्त कंप्लायंस रिडक्शन एंड डिरेगुलेशन डॉकेट की पालना में किए हैं। इसके तहत प्रमुख रूप से श्रमिकों के लिए कार्य करने की सीमा को बढ़ाने के साथ ही महिला श्रमिकों की खतरनाक प्रकृति के कार्यों में लागू प्रतिबंध को समाप्त किया गया है।