
फोटो- चुनाव आयोग
Rajasthan News: भारत के चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण शुरू होगा। इस प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने बताया कि जिन 12 राज्यों में SIR लागू होगा, वहां की मतदाता सूची आज रात फ्रीज कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी, जिसमें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) की ट्रेनिंग शामिल होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण आवश्यक है। हांलाकि, कई राजनीतिक दलों ने पिछले कुछ वर्षों में मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल उठाए हैं।
दरअसल, विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का उद्देश्य मतदाता सूची से मृत व्यक्तियों, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके लोगों और दोहरे रजिस्ट्रेशन वाले मतदाताओं को हटाना है। इससे पहले SIR की प्रक्रिया वर्ष 2000 से 2004 के बीच हुई थी। लंबे समय बाद इसकी आवश्यकता को देखते हुए आयोग ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का फैसला किया है। पहला चरण बिहार में सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। मतदाताओं की सुविधा के लिए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता न हों, ताकि भीड़भाड़ से बचा जा सके।
जिन मतदाताओं का नाम पहले से मतदाता सूची में है, उन्हें कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
BLO मतदाताओं के घर तीन बार जाएंगे और Enumeration Form प्रदान करेंगे।
यह फॉर्म 2003 की मतदाता सूची से मिलान किया जाएगा। यदि नाम और पिता/माता का नाम मेल खाता है, तो कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देना होगा।
मतदाताओं से रंगीन फोटो जमा करने का अनुरोध किया गया है।
ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
चुनाव आयोग ने SIR के लिए स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची जारी की है, जिसमें शामिल हैं: केंद्र/राज्य सरकार या सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को जारी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश।
01 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी सरकारी पहचान पत्र या प्रमाणपत्र।
जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र।
स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC), परिवार रजिस्टर, या सरकारी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र।
आधार के लिए आयोग के 09.09.2025 के निर्देश लागू होंगे।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग का यह कदम मतदाता सूची की शुद्धता और विश्वसनीयता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह प्रक्रिया न केवल मतदाताओं के अधिकारों को सुरक्षित करेगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाएगी। मतदाताओं से अपील की गई है कि वे BLO के साथ सहयोग करें और आवश्यक जानकारी समय पर प्रदान करें।
Published on:
27 Oct 2025 07:03 pm
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