
बर्ड काउंट इंडिया के हकीमुद्दीन सैफी ने कार्यक्रम के रूपरेखा और प्रारूप की जानकारी दी। सर्वे के अंतर्गत संपूर्ण कांगेर घाटी व बस्तर वन मंडल के माचकोट रेंज में अलग-अलग सर्वे के लिए 33 ट्रेल तैयार किया गया है। मैना मित्र , वन विभाग के कर्मचारी और स्थानीय इको विकास समिति के सदस्यों द्वारा सर्वे टीम का गाइड किया जा रहा है।
100 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल
कांगेर घाटी में बीते वर्ष की तरह आयोजित पक्षी सर्वे के लिये नौ राज्यों से 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं। सर्वे टीम में कोलकाता, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना , आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान , पश्चिम बंगाल सहित छत्तीसगढ़ के गिधवा परसदा वेटलैंड से भी प्रतिभागी शामिल हैं। पूरे टीम का कांगेर घाटी के मैना मित्र, मगर मित्र और विभागीय कर्मचारियों द्वारा गाइड के रूप में सहयोग किया जा रहा है।
माचकोट क्षेत्र में फोकस ज्यादा
राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर के मुताबिक इस वर्ष कांगेर घाटी में पिछले साल की तुलना में पक्षियों की अधिक प्रजातियां मिलने की संभावना है । यही वजह है कि लैंडस्केप बेस्ड अप्रोच को ध्यान में रखते हुए आस पास के क्षेत्र को सर्वे कार्य हेतु जोड़ा गया है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से लगे हुए माचकोट और तिरिया के जंगल भी जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं। यही कारण है कि यहां की जैवविविधता को जानने के लिए इस बार इस क्षेत्र को भी सर्वें मे शामिल किया गया है।
Published on:
26 Feb 2024 06:19 pm
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