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टाकलू और नाथू भाई का केस वापस ले नहीं तो मरने के लिये तैयार हो जा

जगदलपुर शहर में पनप रहे गैंगवार के बीच बुधवार की रात एक बजे नये बस स्टैंड में वर्चस्व की लड़ाई में टाकलू गैंग ने दूसरे गैंग के सरगना अमित शर्मा के उपर पिस्टल से हमला कर दिया। आरोपियों द्वारा अमित शर्मा को नाथू व टाकलू भाई का केश वापस लेने के लिये कहते हुए राज दुग्गा द्वारा पिस्टल निकालकर चलाने की को शिश किया जो नहीं चल पाया। हमले से घबराये अमित शर्मा द्वारा इसकी जानकारी बोधघाट पुलिस को दिया। मामले पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तत्काल आरोपियों की धरपकड़ में जुट गई

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गैंग की मुख्य सरगना सहित 6 आरोपियों की पुलिस ने निकाली जुलूस

पिस्टल लेकर बस स्टैंड में हमला करने वाले सभी चार आरोपी गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक शहर में दोनों गैंग के बीच आपसी रंजिश के चलते लगातार भिड़ंत होते रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीती रात बस स्टैंड में हुए हमले की वजह गैंग के मुख्य सरगना टाकलू और नाथू भाई के उपर चल रहे केस को वापस लेने दबाव बना रहे थे। हमले के दौरान आरोपियों द्वारा उक्त केस को वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी देते हुए पिस्टल चलाने की को शिश किया जिसमें वे असफल रहे।

सभी 6 आरोपी गिरफ्तार, ह थियार बरामद

पुलिस ने नया बस स्टैंड में हुए हमले के मुख्य सरगना हेमंत ध्रुव उर्फ टाकलु पिता राजेन्द्र ध्रुव उम्र 32 वर्ष निवासी तेतरकुटी, त्रिनाथ दुर्गा उर्फ नाथु पिता कृष्णानाथ दुर्गा उम्र 38 वर्ष निवासी तेतरकुटी, राज दुर्गा उर्फ पदुनाथ दुर्गा पिता कृष्णनाथ दुर्गा उम्र 29 वर्ष निवासी परपा नाका, चिराग साहू पिता राकेश साहू उम्र 21वर्ष निवासी कुम्हारपारा, मोहम्मद अल्ताफ खान पिता मोहम्मद मेहताब उम्र 29 वर्ष निवासी वृन्दावन कालोनी और किशोर चालान पिता अखलेश्वर चालान उम्र 24 वर्ष निवासी बोधघाट को गिरफ्तार कर हमले के दौरान प्रयुक्त पिस्टल सहित बटन चाकू व आधा दर्जन मोबाइल जप्त किया है।

दोनों गैंग में वर्चस्व की लड़ाई

जानकारी के मुताबिक शहर में दोनों गैंग बीते एक वर्ष से लगतार अपनी वर्चस्व के लिये एक दूसरे से उलझते रहे हैं। साल भर पूर्व हेमंत ध्रुव उर्फ टाकलु और अमित शर्मा के बीच गहरी दोस्ती रही है। बीते कुछ महीनों से दोनों में अनबन हो जाने के बाद एक दूसरे में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। छह महीने पूर्व टाकलू गैंग के सदस्यों द्वारा ही अमित शर्मा के उपर शहीद पार्क चौपाटीे के पास हमला किया गया था। इसके बाद चार महीने पूर्व दोनों गैंग अनुपना चौंक के पास भिड़ गये । बाद में टाकलू गैंग के करीब 30 से 40 युवकों के द्वारा दलपत सागर चौंक में मारपीट हुआ था।

गैंग को मिल रहा राजनीतिक संरक्षण

शहर में पनप रहे गैंगवार को राजनीतिक संरक्षण भी मिलता रहा है। यही वजह है कि आरोपियों को छुड़ाने आज दिन भर पुलिस अ धिकारियों के फोन बजते रहे। यही बीते कुछ महीनों से दोनों ग्रुप में हो रहे हमले और आतंक के बावजूद पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। जानकारी के मुताबिक गैंगवार को बढ़ावा देने में बस्तर के ही ताकतवार राजनीतिक नेताओं का हाथ है। इस गैंगवार में सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने पुलिसिया कार्रवाई में बाधा डालने में कोई कसर नहीं छोड़ा।