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यहां पर चटाई के पुल पार करने के बाद होती है गुप्तेश्वर महादेव के दर्शन

जगदलपुर बस्तर और ओड़िशा के मध्य कोरापुट जिले की सीमा पर िस्थत गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में महा शिवरात्रि के दिन लगने वाले मेला के लिये वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। जगदलपुर से लगभग 75 किमी दूर इस मंदिर में महा शिवरात्रि के दिन भगवान महादेव के दर्शन के लिये लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मंदिर तक पहुंचने के लिये घने जंगलों से होते हुए शबरी नदी को पार करना पड़ता है यही वजह है कि प्रतिवर्ष महा शिवरात्रि के समय वन विभाग नदी पर बांस द्वारा बने चटाई का पुल तैयार करता है।

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 गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में महा शिवरात्रि की तैयारी, चटाई के पुल तैयार

छत्तीसगढ़-ओडिशा के सरहद पर अनोखा शिव मंदिर पर जुटेंगे लाखों श्रद्धालु

छत्तीसगढ़-ओडिशा के सरहद पर अनोखा शिव मंदिर पर जुटेंगे लाखों श्रद्धालु श्रद्धालुओं का होता है पंजीयन

गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का बकायदा पंजीयन किया जाता है। इसके लिये वन विभाग द्वारा वन ग्राम तिरिया में पंजीयन केंन्द्र स्थापित किया जाता है। इस दिन सुरक्षा के लिहाज से वन विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम तैनात रहती है। महा शिवरात्रि के दिन छत्तीसगढ़, ओडिशा सहित आंध्र प्रदेश , तेलंगाना सहित अन्य राज्यों के श्रद्धालु पहुंचते हैं। पहुँचने का सफर बेहद रोमांचक भरा होता है। 20 किमी घने जंगलों के बाद शबरी नदी पर बनाये गए चटाई के अस्थाई पुल को पैदल पार करना होता है।

वन विभाग ने सम्हाला व्यवस्था का जिम्मा

गुप्तेश्वर महादेव के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के आने जाने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का पूरा जिम्मा वन विभाग द्वारा किया जा रहा है। शबरी नदी में बांस से बने चटाई के पुल बनकर तैयार है। आसपास वनों को आग से बचाने वन कर्मियों की टीम तैनात किया गया है वहीं मंदिर परिसर के आसपास साफ सफाई के लिये भी टीम गठित की गई है।