mobile phone theft : रेल यात्रा के दौरान मोबाइल फोन चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अब पश्चिम मध्य रेलवे में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की जवाबदेही भी तय की जाएगी। आरपीएफ और केंद्रीय उपकरण पहचान पोर्टल मिलकर मोबाइल को ढूढऩे से लेकर उसे ब्लॉक कराने और पीड़ित तक पहुंचाने के लिए काम करेंगे। अभी तक खोए हुए मोबाइल की जांच और ट्रैकिंग की जिमेदारी जीआरपी के जिमे थी।
मोबाइल चोरी की ट्रेकिंग में जीआरपी सफल नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे कहीं न कहीं स्टॉफ की कमी और संसाधनों का सीमित होना भी है। जिसके कारण खोए हुए मोबाइल की ट्रैकिंग और रिकवरी में लंबा समय लगता है।
यदि कोई यात्री एफआईआर दर्ज नहीं करना चाहता, तो वह पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। इसमें उसे आईएमईआई नंबर, मोबाइल नंबर, डिवाइस ब्रांड, मॉडल, गुमने का स्थान,दिन, शहर का नाम, मोबाइल मालिक, पता, आधार,पेन कार्ड जैसी आईडी देनी होगी। यह सुविधा उन यात्रियों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी, जो समय की कमी के कारण एफआईआर दर्ज नहीं कर पाते। पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने से तत्काल कार्यवाही शुरू हो जाएगी और खोए हुए मोबाइल के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
नार्थ फ्रंटियर रेलवे में इस तरह की व्यवस्था है। इसे पमरे सहित अन्य रेलवे जोन में भी लागू किया जा रहा है। इसके लिए दूरसंचार विभाग और आरपीएफ के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई जाएगी, जो खोए हुए मोबाइल फोन की ट्रैकिंग करेगी।
प्रदेश में हर साल 85000 से अधिक मोबाइल चोरी के मामले
जबलपुर में हर साल 1100 मोबाइल की चोरी
मोबाइल ट्रेकिंग दर मात्र 37 प्रतिशत
mobile phone theft : इस योजना पर उ‘च विभागीय स्तर पर काम किया जा रहा है। एनएफआर में इसके अ‘छे परिणाम सामने आए हैं। यात्रियों को मोबाइल खोजने में प्रभावी मदद मिलेगी।
Updated on:
08 Apr 2025 04:54 pm
Published on:
08 Apr 2025 12:52 pm