Krishna Janmashtami 2024 : मच गया शोर सारी नगरी रे…आया बिरज का बांका सहाल तेरी गगरी रे… डीजे पर बजती धुनों की मस्ती में पिरामिड बनाने की कोशिश करती गोविंदाओं की टोली.. पानी की बौछार औऱ दर्शकों के उत्साह के बीच 30-35 फीट ऊंचाई पर बंधी मटकी फोड़ने का प्रयास…जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के दो दिन पूर्व से ही शहर में ये दृश्य नजर आने लगते हैं। लोग भी गोविंदाओं की टोली के उत्साहवर्धन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।https://www.patrika.com/jabalpur-news
शहर में जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ के एक दर्जन बड़े आयोजन होंगे, जिनमें बड़ी राशि पुरस्कार में दी जाएगी। इन प्रतियोगिताओं में शहर के तीन प्रमुख अखाड़ों के दल ही अक्सर विजयश्री प्राप्त करते आए हैं। विशेष बात यह है कि इनमें से किसी भी अखाड़े के गोविंदा मटकी फोड़ प्रतियोगिता में जीती राशि का एक पैसा भी स्वयं नहीं लेते। जीती हुई रकम अखाड़ों के कल्याण व वंचित वर्ग की मदद में खर्च की जाती है। सभी अखाड़ों की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बार 35-40 फिट ऊंची मटकी फोड़ने के लिए इन अखाड़ों के गोविंदाओं की टोलियां दिन-रात पसीना बहा रही हैं।
अखाड़ा संचालकों के अनुसार शहर की मांझी व्यायाम शाला, बुद्धे गोंड उस्ताद अखाड़ा और बड़ी खेरमाई स्थित प्यारेलाल उस्ताद अखाड़ा मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं में आगे रहते हैं। बीते वर्ष सबसे ज्यादा मटकियां प्यारेलाल अखाड़े के गोविंदाओं ने फोड़ी थीं। इन अखाड़ों के गोविंदा एक साल में मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं में 8 से 10 लाख रुपए तक जीतते हैं।
जन्माष्टमी से दो दिन पहले और हतेभर बाद तक चलने वाली मटकी फोड़ प्रतियोगिता के लिए करीब दो माह पहले से कड़ी तैयारी हो रही है। प्यारेलाल उस्ताद अखाड़े के खलीफा (उस्ताद) राहुल विश्वकर्मा बताते हैं कि मटकी फोड़ दल में 400 सदस्य हैं। पिरामिड 70 गोविंदा तैयार करते हैं। बाकी सहयोग देते हैं। बुद्घे गोंड उस्ताद अखाड़ा में 200 सदस्य हैं। विश्वकर्मा बताते हैं कि गत वर्ष उनके अखाड़े ने 35 फीट ऊंची मटकी फोड़ी थी। संयुक्त मांझी व्यायामशाला के खलीफा राहुल पसारिया बताते हैं कि कड़े प्रशिक्षण से गोविंदा तैयार होते हैं। उनके दल में 400 से अधिक सदस्य हैं।
इन अखाड़ों के गोविंदाओं की टोलियां अब तक 6-7 लेयर के पिरामिड बनाकर मटकी फोड़ती आई हैं। 30-32 फिट की मटकी फोड़ने का अभ्यास है। इस बार इन अखाड़ों का लक्ष्य 35-40 फिट की ऊंचाई का पिरामिड बनाना है। प्यारेलाल अखाड़े के गोविंदाओं ने बताया कि इस बार 7-8 लेयर का पिरामिड तैयार करने की तैयारी चल रही है।
खलीफा राहुल कहते हैं कि मटकी फोड़ से हतेभर में 3 से 4 लाख रुपए मिलते हैं। गोविंदा इस राशि को नहीं लेते। इस रकम से दृष्टिबाधित, दिव्यांग और अनाथ कन्याओं का विवाह, मंदिर निर्माण, धार्मिक आयोजन, अखाड़े की देखरेख आदि कार्य किए जाते हैं। प्यारेलाल उस्ताद बड़ी खेरमाई का अखाड़ा 150 साल पुराना है। खलीफा राहुल बताते हैं कि तीन साल पहले पिरामिड पर सबसे ऊंचाई पर चढ़ने वाला गोविंदा जो कन्हैया होता है, वह गिरकर चोटिल हुआ। तबसे सबसे ऊंचाई पर खड़े होने वाले 10 गोविंदाओं का दुर्घटना बीमा करवाया जाने लगा है।
Updated on:
23 Aug 2024 12:54 pm
Published on:
23 Aug 2024 12:42 pm