data privacy : ऐप से निजी जानकारी चुराने की आशंका वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र, गूगल और मोबाइल कंपनी एपल व शाओमी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में कहा, मोबाइल ऐप यूजर की जानकारी किससे साझा कर रहे हैं, इसका पता नहीं चलता। इससे साइबर ठगी, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग, एसटीक्यूसी निदेशालय, कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम, माइक्रोसॉफ्ट गूगल, एपल व शाओमी को नोटिस जारी किए।
याचिका में ऐप की पूर्व जांच कर मोबाइल यूजर्स के लिए सुरक्षित घोषित करने के लिए सरकार से स्वतंत्र नियामक संस्था बनाने की मांग की है। यह कोडिंग, कार्यप्रणाली जांच कर तय करे कि ऐप कोई व्यक्तिगत जानकारी अनधिकृत रूप से तो नहीं ले रहा है।
अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने याचिका में कोर्ट को बताया, मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करते हैं तो कई परमिशन मांगते हैं। हम परमिशन दे भी देते हैं, पर कई ऐप में कॉन्टैक्ट, फाइल या कैमरा का कोई उपयोग नहीं होता। फिर भी यह इन सभी की परमिशन मांगते हैं। इस तरह से मोबाइल ही निजी जानकारी चोरी करने का यंत्र बन जाता है।
Updated on:
24 Apr 2025 01:19 pm
Published on:
24 Apr 2025 01:01 pm