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बालिका वधू: 13 की उम्र में शादी, 15 साल में बनी मां, आधार कार्ड से खुली पोल

बालिका वधू: 13 की उम्र में शादी, 15 साल में बनी मां, आधार कार्ड से खुली पोल

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Rajasthan Nagaur marriage of minor girls

सांकेतिक तस्वीर (पत्रिका फाइल फोटो)

child marriage: अबोध बच्ची की महज 13 साल की उम्र में शादी करने वाले माता-पिता और ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ कटंगी पुलिस ने पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इसका खुलासा किशोरी के मां बनने पर हुआ। इस पर पुलिस ने पति पर बलात्कार की धाराओं में एफआइआर की है। पुलिस ने किशोरी की मां और नानी सास को गिरतार कर लिया है। अन्य की तलाश जारी है।

child marriage: तब वह मात्र 13 साल की उम्र थी

इस मामले से एक बार फिर बाल विवाह की कुरीति के दंश की काली कहानी सामने आ गई है। किशोरी का जब विवाह किया गया था, तब वह मात्र 13 साल की उम्र थी। खेलने-कूदने और पढऩे की उम्र में वह दुल्हन बन गई और 15 साल में अब मां बन चुकी है। प्रसव पीड़ा होने पर उसे मेडिकल अस्पताल में ले जाया गया। दस्तावेजों से पता चला कि अभी उसकी उम्र 15 साल है। अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को भेजी। जांच उपरांत कटंगी पुलिस ने किशोरी के पति, माता-पिता,नानी सास और मामा ससुर के खिलाफ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। पति पर बलात्कार की धाराएं भी लगाईं गई हैं।

child marriage: मेडिकल में 10 दिन भर्ती

कटंगी पुलिस ने बुधवार को बताया कि 13 वर्षीय किशोरी का बाल विवाह 10 जुलाई 2023 को माता-पिता ने कटंगी थाना क्षेत्र के युवक से करा दिया। इसमें युवक की नानी और मामा की भी रजामंदी थी। वह गर्भवती हुई तो पति और नानी सास उसे कटंगी के एक निजी अस्पताल ले गए। हालत नाजुक होने पर उसे मेडिकल रेफर कर दिया गया। मेडिकल में दस दिन तक भर्ती रहने के बाद उसने शनिवार को बच्चे को जन्म दिया।

child marriage: मामले में प्रकरण दर्ज किया

जानकारी के अनुसार कटंगी पुलिस ने प्रसूता से पूछतांछ की, तो पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठा। इसके बाद सोमवार देर रात मामले में प्रकरण दर्ज किया। पुलिस पूछताछ में किशोरी ने बताया कि उसे यह तक समझ नहीं था कि विवाह का अर्थ क्या होता है। मां-बाप ने कहा था सब ठीक होगा, ससुराल जाओ और जैसा कहें वैसा करो।

child marriage: हाल में आए मामले

  • किशोरी का विवाह 23 वर्षीय युवक से किया गया। प्रसव पीड़ा होने पर अगस्त में ससुराल वाले उसे मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। नाबालिग ने बालिका को जन्म दिया। मझौली थाने में पति और माता-पिता पर एफआईआर दर्ज की गई।
  • 14 साल की किशोरी का विवाह मझौली में कर दिया गया। मेडिकल अस्पताल में डिलेवरी हुई। 25 जुलाई को मझौली थाने में पति समेत अन्य पर केस दर्ज।

child marriage: तीसरा मामला, जागरूकता अब भी कम

यह जबलपुर जिले में इस तरह की कार्रवाई का यह तीसरा मामला है। जिसमें बाल विवाह और पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में अब भी गरीबी, परंपरा और सामाजिक दबाव के कारण परिवार बेटियों की शादी नाबालिग उम्र में कर रहे हैं। चाइल्ड लाइन से जुड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि हर बार जब कोई बच्ची मां बनती है, तो यह सिर्फ एक कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि एक बचपन का अंत होता है। हमें समाज की सोच बदलनी होगी।

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