जबलपुर. डीजल-पेट्रोल की तर्ज पर अब बिजली के दाम भी हर माह बढ़ाने की तैयारी है। बिजली वितरण कंपनियों ने प्रस्ताव तैयार कर विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। इसमें टैरिफ निर्धारण के नियमों में संशोधन करने की मांग की है। तेल कंपनियों की तरह बिजली कंपनियों ने भी स्वत: ही हर माह दर बढ़ाने की सिफारिश की है। आयोग ने 24 फरवरी तक उपभोक्ताओं व अन्य हितधारकों से राय मांगी है, जनसुनवाई 28 फरवरी को होगी। दरअसल, बिजली कंपनियों का तर्क है कि बिजली की दरें साल में एक बार तय होती हैं और लागत के बिंदु पर तिमाही सुनवाई कर आयोग सरचार्ज का निर्धारण करता है।
कंपनियों के प्रस्ताव पर नियामक आयोग सुनवाई कर अनुशंसा जारी करता है। लेकिन, आयोग द्वारा घोषित खुदरा टैरिफ ऑर्डर में स्वीकृत बिजली खरीदी की लागत, कोयले के दाम बढऩे के साथ दूसरे फैक्टर होते हैं जब लागत बढ़ जाती है, जिससे घाटा बढ़ जाता है। कंपनियों के प्रस्ताव में हर माह दर निर्धारण को ईंधन एवं बिजली खरीदी समायोजन सरचार्ज नाम दिया है और वे चाहती हैं कि यह अपने आप हर माह निर्धारित किया जा सके। आयोग ने नियम संशोधन के लिए लोगों से राय मांगी है।
इस निर्णय से बिजली कंपनियों को एकाधिकार मिल जाएगा। हर माह दाम बढ़ाने की अनुमति देने से विद्युत अधिनियम 2003 के तहत स्थापित विद्युत नियामक आयोग का महत्व शून्य हो जावेगा। विद्युत कंपनियां मनमर्जी से दाम बढ़ा देंगी, जो कि प्रदेश के उपभोक्ताओं व उद्योगों हेतु घातक होगा। इस संशोधन पर आपत्ति जताकर विरोध किया जाना चाहिए।
राजेंद्र अग्रवाल, सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता
Published on:
18 Feb 2023 04:07 pm