
कहीं सडक़ों पर पानी भरा तो कहीं गड्ढों में डाल दी गिट्टी, हादसे का डर
इटारसी. रेलवे कॉलेानियों की सडक़ों की हालत जर्जर है। बारह बंगला बेस किचन के पास वेंकटेश कालोनी पहुंच मार्ग की हालत इतनी खराब है कि उसमें हमेशा पानी और कीचड़ भरा रहता है। जिसकी वजह से लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन से नाला मोहल्ला होते हुए तरौंदा पहुंच मार्ग भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। सडक़ पर जगह-जगह से डामर बह गया है। हालात यह हैं कि गड्ढों में गिट्टी डालकर छोड़ दी गई है। ऐसे में हादसा होने का डर बना हुआ है।
कहीं बारिश में सडक़ से डामर बह गया है तो कहीं सीमेंट की सडक़ दो हिस्सो में बंट गई है। पुरानी इटारसी से सनखेड़ा पहुंच मार्ग पर बीच में करीब चार इंच का गैप आ गया है। जिससे दोपहिया वाहन फंसकर हादसा होने की खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने सडक़ की मरम्मत कराने की मांग की है। रूपापुर से चिल्लई गांव पहुंच मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है। जिससे लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं।रुपापुर से चिल्लई गांव पहुंच मार्ग बदहाल-
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजनांतर्गत रूपापुर से ग्राम चिल्लई पहुंच मार्ग एवं सिलारी से गुर्रा रेल्वे स्टेशन मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुका है। भारतीय किसान संघ ने विगत दिनों प्रधानमंत्री सडक़ योजना के उपमहाप्रबंधक को सडक़ सुधारने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था। बावजूद इसके वर्तमान तक सडक़ का सुधार कार्य नहीं किया गया। भारतीय किसान संघ के जिला प्रवक्ता रजत दुबे ने बताया कि सैकड़ों ग्रामीणों के आवागमन का एकमात्र रास्ता है। ग्रामीणों ने बताया कि इस सडक़ से ग्राम नांदनेर, सिलारी, गुर्रा, चिल्लई, रूपापुर, छीपीखापा, कैंप, गजपुर, धोबीखापा के लगभग 5 हजार ग्रामीण, विद्यार्थी, मजदूर आवागमन करते हैं।सडक़ के बीच गैप से हादसे का डर-
पुरानी इटारसी से सनखेड़ा गांव तक मुख्य सडक़ के बीच बड़ा गैप हो गया है। सडक़ के बीच में गैप की भराई नहीं होने से स्थिति खराब होती जा रही है। रात के समय दो पहिया वाहन चालकों को दुर्घटना का खतरा ज्यादा रहता है। किसान हेमंत वर्मा ने कहा कि सीमेंट सडक़ के बीच वाहनों के दबाव से गैप बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है।
50 करोड़ की सडक़ में दरारों से झांक रही लापरवाही-पुरानी इटारसी से धरमकुंडी तक 30.06 किमी लंबी सडक़ का निर्माण पूरा हो चुका है। इस सडक़ के निर्माण में करीब 50 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। हालात यह हैं कि पुरानी इटारसी से जुझारपुर तक करीब 2 किमी लंबी सडक़ में जगह-जगह दरारें आ चुकी है। इसके अलावा जमानी-तीखड़ के बीच सडक़ के बीच का पाट गहरा और चौड़ा हो गया है। जिससे हादसे की आशंका बनी हुई है। हालात यह हैं कि दरारों को भरने मिट्टी और मुरम डाला जा रहा है। मुरम के साथ पत्थर होने से बाइक सवारों के फिसलने का खतरा बना हुआ है।इनका कहना है... धरमकुंडी से पुरानी इटारसी होते हुए हाईवे को जोडऩे वाले सडक़ में दरारें आई है। हमने फिलिंग कराई थी। सीमेंट वर्क भी कराएंगे।
-आरके रघुवंशी, एसडीओ पीडब्ल्यूडी सिवनीमालवा
रेलवे कॉलोनियों और रेलवे क्षेत्र की सडक़ों की मरम्मत का क्या प्लान है। इसकी जानकारी लेकर संबंधितों से कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।-नवल अग्रवाल, पीआरओ रेल मंडल भोपाल
Published on:
24 Sept 2024 08:53 pm
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