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मेट्रो के 17 स्टेशनों में नहीं बनेगा 1 स्टेशन, बचेंगे 300 करोड़ !

MP News: प्रथम चरण के करीब 17 किमी. के एलिवेटेड कॉरिडोर में 17 स्टेशन बन रहे हैं। दो स्टेशनों के बीच करीब एक किमी की दूरी है....

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: एमपी के इंदौर शहर में अगले सप्ताह मेट्रो रूट तय करने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री की उपस्थिति में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की बैठक होने वाली है। लोगों के विरोध को देखते हुए छोटा गणपति मंदिर के सामने प्रस्तावित अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन को नहीं बनाने का प्रस्ताव रख फैसला होगा।

वहां स्टेशन नहीं बनता है तो करीब 300 करोड़ का खर्च बचेगा। अभी मेट्रो रूट पर औसतन एक किमी. में एक स्टेशन का प्रस्ताव है। प्रथम चरण के करीब 17 किमी. के एलिवेटेड कॉरिडोर में 17 स्टेशन बन रहे हैं। दो स्टेशनों के बीच करीब एक किमी की दूरी है।

शुरु हो गया विरोध

एयरपोर्ट से एमजी रोड मॉल के बीच भी करीब 7 किमी की दूरी है और 7 स्टेशन प्रस्तावित हैं। मल्हारगंज इलाके में छोटा गणपति मंदिर के सामने बगीचे के नीचे अंडरग्राउंड स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। यहां काम शुरू करने के लिए एजेंसी ने सामान रखा तो लोगों ने विरोध शुरू कर दिया।

उनका कहना है कि यह तंग इलाका है, यहां अंडरग्राउंड स्टेशन बनने से कई तरह की परेशानी खड़ी हो जाएगी। भाजपा नेताओं ने नगरीय प्रशासन मंत्री के सामने स्टेशन को लेकर विरोध किया तो वे भी वहां स्टेशन नहीं बनाने की बात पर राजी हो गए।

अंडरग्राउंड मेट्रो का रूट होगी तय

बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह की बैठक में अंडरग्राउंड मेट्रो का रूट भी तय हो सकता है। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इसके लिए विकल्प भी सुझाए हैं। उम्मीद की जा रही है कि खजराना चौराहे के आगे से ही मेट्रो को अंडरग्राउंड कर दिया जाएगा। ऐसा करने से करीब एक हजार करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।

हालांकि छोटा गणपति के पास का मेट्रो स्टेशन बनना निरस्त होता है तो करीब 300 करोड़ का खर्च बच जाएगा जो पलासिया इलाके में काम आ सकता है। वैसे सुभाष मार्ग इलाके में विकल्प के रूप में मेट्रो अंडरग्राउंड निकालने की पैरवी की जा रही है। कुछ अधिकारी इसके विरोध में भी है, उनका कहना है कि रूट बदला तो नए सिरे से काम करना होगा। हालांकि सुभाष मार्ग से रूट आसान होने का दावा करते हुए बदलाव की बात कही जा रही है। मंत्री की उपस्थिति में बैठक में सभी मामलों पर फैसला होने की उम्मीद है।