भीठा गांव में भयावह दुर्घटना: परिवार में मातम पसरा (फोटो सोर्स : Whatsapp)
Hardoi Tragic Accident Mundan: हरदोई जिले के भीठा गांव में मुंडन समारोह के बाद हुई सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को सदमे में डाल दिया। घटना में दो मासूम बच्चों समेत चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में नौ माह के बासू, दो साल की गौरी और दो वयस्क शामिल हैं। घटना स्थल पर शव बिखरे पड़े थे, जिन्हें उठाने के बाद स्थानीय लोगों ने खून पर मिट्टी डालकर दृश्य को संभाला। घटना की भयावहता और मासूम बच्चों की जान चले जाने से गांव और आसपास के क्षेत्र में गहरा शोक छा गया।
संदीप नामक व्यक्ति के पुत्र कार्तिक का मुंडन रविवार को बाबा मंदिर में विधिवत पूजन के साथ हुआ था। मुंडन संस्कार में शामिल होने के लिए परिजन और रिश्तेदार ट्रैक्टर, पिकअप और बाइक से मंदिर गए। कार्तिक के बाल लेने के लिए उसकी बुआ, कन्नौज जनपद के जलालपुर थाना क्षेत्र के सारों थोक गांव निवासी सीमा भी आई थीं। सीमा अपने पुत्र बासू और दो बेटियों जाह्नवी व मानवी के साथ मुंडन में शामिल हुई।
मुंडन समारोह के बाद सभी लोग उत्साह और उल्लास के साथ घर लौट रहे थे ताकि रामचरित मानस का अखंड पाठ का विश्राम और हवन का आयोजन किया जा सके। फर्दापुर में, मोनी (28) अपने पुत्री गौरी और ननद सीमा के पुत्र बासू के साथ संतराम और संगीता की बाइक पर सवार हुई। इसी दौरान बिलग्राम मार्ग पर, सुरसा तिराहा के पास, एक मालवाहक वाहन (मैजिक/डाला) ने सड़क किनारे खड़े परिवार को रौंद दिया। वाहन चालक मौके से फरार हो गया। घटना इतनी भयानक थी कि शव बिखरे हुए थे और नौ माह के बासू तथा दो साल की गौरी का शव ऐसा पड़ा था जैसे किसी ने गुड्डे-गुड़िया फेंक दिए हों।
दुर्घटना की खबर मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। मृतकों को मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां सभी को मृत घोषित कर दिया गया। डीएम अनुनय झा और एसपी अशोक कुमार मीणा घटनास्थल और मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी और जांच की प्रक्रिया की जानकारी ली। एसपी ने बताया कि वाहन चालक अभी पकड़ में नहीं आया है और गैर इरादतन हत्या की धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा। वाहन का पंजीकरण उप संभागीय परिवहन कार्यालय में है और यह बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के हूंसेपुर निवासी मनोज कुमार नागर के नाम पर पंजीकृत है। इस वाहन पर पहले भी सवारी ढोने के आरोप में तीन बार चालान किया जा चुका था।
संदीप मजदूरी करता है और आर्थिक रूप से बहुत समृद्ध नहीं है। अपने पुत्र कार्तिक के मुंडन पर उसने गांव के लोगों और रिश्तेदारों के लिए दावत का आयोजन किया था। पकवान बनवाने के लिए हलवाई रविवार से ही लगे थे। मुंडन और भोजन की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, लेकिन दुर्घटना के कारण सभी तैयारियां अधूरी रह गईं। इस हादसे ने संदीप और उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। सीमा जो अपने इकलौते पुत्र बासू के साथ मुंडन में शामिल हुई थी, हादसे में अपने पुत्र को खो बैठीं। दूसरी ओर, कार्तिक की दादी बुद्धमती की गोद में बैठा बच्चा अत्यधिक डरा हुआ था। परिजनों ने उसे संभालने और हौसला देने की कोशिश की, लेकिन बच्चा जोर-जोर से रोने लगा और अपनी मां (मोनी) को बुलाने की जिद करता रहा।
घटना स्थल पर स्थानीय लोग खून और शव देखकर स्तब्ध रह गए। यह दृश्य इतना भयानक था कि देखने वाले भी सकते में आ गए। घटना के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने शवों को उठवाया और आवश्यक कार्रवाई शुरू की। मृतकों के अंतिम संस्कार की तैयारियां और परिवार की देखभाल तुरंत सुनिश्चित की गई।
पुलिस और प्रशासन ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मैजिक चालक ने सड़क किनारे खड़े परिवार को रौंदते हुए आगे खाई में जाकर वाहन रोका। वाहन चालक का पता अभी नहीं चल पाया है और उसे खोजने की कोशिशें जारी हैं। घटनास्थल पर लगे कैमरों और गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं।
दुर्घटना के बाद गांव और आसपास के क्षेत्रों में मातम छा गया। बच्चे, जिन्हें अभी जीवन की शुरुआती राह पर होना चाहिए था, उनकी मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। इस दुर्घटना ने ग्रामीणों में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन के महत्व को भी उजागर किया। स्थानीय लोग बताते हैं कि मृतक बच्चों के शव इस कदर बिखरे हुए थे कि देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया। नौ माह का बासू और दो साल की गौरी अभी अपनी माता-पिता के अलावा किसी को पहचान भी नहीं सकते थे। लोगों ने कहा, “अभी तो जिंदगी शुरू भी नहीं हुई थी और खत्म हो गई।”
घटना की भयावहता को देखते हुए प्रशासन ने सभी मृतकों के परिजनों को तत्काल सहायता प्रदान की। डीएम अनुनय झा ने कहा कि मृतकों के परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी। एसपी अशोक कुमार मीणा ने कहा कि वाहन चालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। घटना के दौरान मुंडन समारोह के लिए बने पकवान और मिठाई पूरी तरह तैयार थी। हलवाई और परिवार के लोग सभी तैयारी छोड़कर घटनास्थल की ओर दौड़े। उनका कहना था कि वे कुछ भी सोच नहीं पा रहे थे क्योंकि हादसे ने सभी की योजना और खुशी को तहस-नहस कर दिया था।
इस दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और वाहन संचालन के नियमों के पालन की आवश्यकता को गंभीर रूप से उजागर किया है। मालवाहक वाहन को सवारी ढोने के आरोप में पहले भी कई बार चालान किया गया था, फिर भी वाहन संचालक द्वारा नियमों की अवहेलना ने चार निर्दोष लोगों की जान ले ली। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे वाहनों पर और कड़ी निगरानी रखी जाए और कानून को सख्ती से लागू किया जाए। घटना ने बच्चों की सुरक्षा और सड़क नियमों के पालन के महत्व पर सभी को ध्यान दिलाया है। दुर्घटना स्थल के पास परिवार के अन्य सदस्य और रिश्तेदार अभी भी सदमे में हैं। बच्चे, जिन्हें अभी जीवन की पहली खुशियों का अनुभव होना चाहिए था, अब नहीं रहे। यह हादसा परिवार और समाज के लिए गहरे सदमे और चिंतन का विषय बन गया।
प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद और अन्य राहत उपलब्ध कराने की घोषणा की है। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के कारणों की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के परिवार के सदस्यों को शारीरिक और मानसिक सहारा देने के लिए विशेषज्ञ भी मौके पर उपलब्ध कराए गए हैं।
यह हादसा न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा, यातायात नियमों का पालन और वाहन संचालन में सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है। प्रशासन और पुलिस ने जनता से अपील की है कि नियमों का पालन करें और ऐसे हादसों को रोकने के लिए सभी सावधानियां बरतें।
Published on:
30 Sept 2025 09:46 am
बड़ी खबरें
View Allहरदोई
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग