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पीएमश्री कॉलेज में बवाल! भाजपा जिला महामंत्री बने गेस्ट प्रोफेसर का टर्मिनेशन रद्द, NSUI जाएगी कोर्ट

MP News: मध्यप्रदेश के हरदा विवेकानंद पीएमश्री कॉलेज में अतिथि विद्वान को भाजपा जिला महामंत्री बनाए जाने के बाद निष्कासन और फिर आदेश वापसी पर हंगामा मच गया। एनएसयूआई ने प्राचार्य पर दबाव में आने का आरोप लगाया।

2 min read

हरदा

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Akash Dewani

Oct 13, 2025

pmshri college guest faculty termination cancelled bjp maha mantri mp news

pmshri college guest faculty termination cancelled bjp maha mantri (फोटो- सोशल मीडिया)

Guest Faculty Termination Cancelled: मध्य प्रदेश के हरदा की सरकारी विवेकानंद पीएमश्री कॉलेज (PM Shri College) में जनभागीदारी के माध्यम से सेवारत हिंदी विषय के अतिथि विद्वान को भाजपा में जिला महामंत्री (bjp maha mantri) बनाए जाने के बाद एनएसयूआई ने प्रदर्शन कर उसे हटाने की मांग की।

प्राचार्य ने 8 जनवरी 2020 में पारित प्रस्ताव की कंडिका 9 का हवाला देकर अतिथि विद्वान बसंतसिंह राजपूत को निष्कासित कर दिया। एबीवीपी ने प्रदर्शन किया तो कुछ ही देर में दबाव में आकर प्राचार्य ने पहला आदेश निरस्त कर दिया। जिसमें कहा इसका निर्णय आगामी जनभागीदारी समिति की बैठक में होगा। (mp news)

एनएसयूआई के विरोध के बाद नियमों हुआ था निष्कासन

प्राचार्य के इस निर्णय से उनकी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। कॉलेज के विधायक प्रतिनिधि अनिल विश्नोई, एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव मनोज सांई सहित अन्य ने पूर्व की बैठक में पारित प्रस्ताव का हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट था कि संस्था में सेवारत कोई भी को धारित किया हुआ नहीं हो सकता है। प्राचार्य ने निष्कासन पत्र जारी किया। (mp news)

एबीवीपी ने किया टर्मिनेशन का विरोध

इसके बाद यह जानकारी एबीवीपी को लगी। संगठन मंत्री अलकेश शर्मा के साथ कई कार्यकर्ताओं ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। दबाव के चलते प्राचार्य ने अपना ही पहला आदेश निरस्त कर दिया। जिसमें लिखा कि जनभागीदारी की आगामी बैठक के निर्णय अनुसार कार्रवाई की जाएगी। प्राचार्य डॉ. संगीता बिले कॉल रिसीव नहीं कर रही है। प्रशासनिक अधिकारी बीके बिछोतिया भी जवाब देने से बच रहे हैं। (mp news)

कोर्ट की लेंगे शरण

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव मनोज सांई ने कहा कि राजनीतिक पद मिलने के बाद बैठक के निर्णय अनुसार यह नियुक्ति अवैध है। ऐसे में निष्कासन सही है, लेकिन अभाविप व राजनीतिक दबाव में प्राचार्य ने निष्कासन के आदेश को निरस्त किया। उनके इन्हीं दोनों आदेशों को कोर्ट में चुनौती देंगे। स्पष्ट नियम के आधार पर बसंतसिंह राजपूत को हटाने पर प्राचार्य तथा प्रशासनिक अधिकारी व ग्रंथपाल बीके बिछोतिया पर कार्रवाई की मांग की मांग करेंगे। (mp news)