ayurved chikitsa
ग्वालियर. जर्जर सड़कों और गड्ढों ने लोगों की सेहत पर असर डालना शुरू कर दिया है। रोजाना दोपहिया वाहनों से सफर करने वाले लोग कमर और गर्दन के दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे लोग अब एलोपैथिक दवाओं की जगह आयुर्वेदिक पंचकर्म थैरेपी की ओर रुख कर रहे हैं। आयुर्वेद कॉलेज में इन दिनों ऐसे मरीजों की संख्या में तेजी आई है। प्रबंधन के अनुसार एक महीने में ही कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी (स्पॉन्डिलाइटिस) और जोड़ों के दर्द के मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। इसमें अधिकतर लोग शहर की सड़कों पर हुए गड्ढों को मुख्य वजह बता रहे है।
आयुर्वेद चिकित्सालय में इन दिनों पंचकर्म के 110 मरीज आ रहे हैं। इसमें से 80 के आसपास मरीजों को मांसपेशियों के साथ हाथ-पैर और घुटने में दर्द की शिकायत आ रही है। वहीं एक महीने पहले 50- 55 मरीज आते थे। जिसमें अधिकांश को पेट दर्द या अन्य समस्या आती थी। लेकिन अब ज्यादातर मरीजों को शहर की सडक़ों पर हुए गड्ढों में चलने के कारण परेशानी आ रही है।
पंचकर्म कराने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा आ रही है। इन दिनों 25 से 45 उम्र के ज्यादा आ रहे हैं। वहीं कुछ बच्चों के साथ बुजुर्ग भी दर्द के कारण पहुंच रहे है। वहीं कुछ मरीजों को इस मौसम में अक्सर परेशानी आती है। वह भी पहुंच रहे हैं।
शहर में जर्जर सडक़ों पर चलने के कारण लोगों को दर्द की शिकायतें लगातार आ रही है। इसको लेकर इन दिनों पंचकर्म कराने वालों की संख्या में तेजी आई है। ओपीडी में हर दिन सौ से ज्यादा मरीज आ रहे है। अधिकांश मांसपेशियों के साथ हाथ पैरों और गर्दन में दर्द के आ रहे है। युवा ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र श्रीवास्तव, पंचकर्म विशेषज्ञ, आयुर्वेदिक कॉलेज
Published on:
03 Sept 2025 05:35 pm
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