फिल्म '120 बहादुर' के नाम को लेकर यादव समाज भड़का।
Film 120 Bahadur: गुरुग्राम में बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर की आने वाली फिल्म ‘120 बहादुर’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। रविवार को अहीर समाज ने नेशनल हाईवे-48 पर खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास जोरदार प्रदर्शन किया। समाज का कहना है कि फिल्म का शीर्षक उनके इतिहास और वीरता को सही रूप से नहीं दर्शाता। उनका आग्रह है कि फिल्म का नाम बदलकर ‘120 वीर अहीर’ किया जाए।
फिल्म ‘120 बहादुर’ 1962 की रेजांग ला की लड़ाई पर आधारित है। इस युद्ध में अहीर रेजिमेंट के 120 सैनिकों ने हजारों चीनी सैनिकों के खिलाफ मोर्चा संभाला था और बहादुरी की अमर गाथा लिखी थी। अहीर समाज का मानना है कि जब कहानी उनके समुदाय के शौर्य से जुड़ी है तो शीर्षक में ‘अहीर’ शब्द होना चाहिए। इससे उनकी पहचान और योगदान राष्ट्रीय स्तर पर सामने आएगा।
समुदाय के नेताओं ने पहले ही कई बार फिल्म निर्माताओं और फरहान अख्तर को नाम बदलने की चेतावनी दी थी। लेकिन जब कोई कदम नहीं उठाया गया तो रविवार को खेड़की दौला टोल टैक्स पर 200 गांवों की एक बड़ी महापंचायत आयोजित की गई। इसमें भारी संख्या में लोग जुटे और सर्वसम्मति से आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया।
महापंचायत के बाद प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे-48 पर जाम लगा दिया। घंटों तक सड़क पर ‘120 वीर अहीर’ के नारे गूंजते रहे। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस ने हालात काबू में करने की कोशिश की, लेकिन गुस्साए लोग डटे रहे। अहीर नेताओं ने साफ कहा कि जब तक फिल्म का नाम नहीं बदला जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा।
विवाद पर अब तक फरहान अख्तर या फिल्म की टीम की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे अटकलें लग रही हैं कि आने वाले दिनों में मामला और गंभीर हो सकता है, क्योंकि महापंचायत में आगे भी धरने-प्रदर्शन का एलान किया गया है। कुल मिलाकर, ‘120 बहादुर’ जहां एक ओर युद्ध में शौर्य और बलिदान की कहानी कहने जा रही है, वहीं दूसरी ओर इसका शीर्षक ही समाज और फिल्मकारों के बीच टकराव का कारण बन गया है।
फिल्म ‘120 बहादुर’ में फरहान अख्तर मेजर शैतान सिंह भाटी की भूमिका निभा रहे हैं। टीजर में 1962 की रेजांग ला की लड़ाई के दृश्य दिखाए गए हैं, जिसमें भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से दुश्मनों का सामना किया। टीजर की दमदार लाइन “हम पीछे नहीं हटेंगे” फिल्म की असली भावना को दर्शाती है। फिल्म के निर्माताओं ने टीजर शेयर करते हुए लिखा, “यह वर्दी सिर्फ हिम्मत नहीं, बलिदान भी मांगती है।” फिल्म का निर्देशन रजनीश घई ने किया है और इसे एक्सेल एंटरटेनमेंट के फरहान अख्तर-रितेश सिधवानी तथा ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज के अमित चंद्रा ने प्रोड्यूस किया है।
फिल्म की शूटिंग लद्दाख, राजस्थान और मुंबई में बड़े स्तर पर की गई है। करीब 14,000 फीट की ऊंचाई पर -5 से -10 डिग्री तापमान में शूटिंग की गई, जिससे हर दृश्य को वास्तविकता का अहसास मिले। मेकर्स का दावा है कि फिल्म में युद्धभूमि का हर दृश्य दर्शकों को रोंगटे खड़े कर देगा। यह फिल्म 21 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म के नाम को लेकर उठे विवाद ने अब राजनीतिक और सामाजिक रंग पकड़ लिया है। अहीर समाज का आंदोलन सड़कों तक पहुंच चुका है। अब देखना होगा कि मेकर्स इस पर क्या रुख अपनाते हैं। अगर नाम नहीं बदला गया तो यह विरोध और लंबा खिंच सकता है।
Updated on:
21 Sept 2025 05:33 pm
Published on:
21 Sept 2025 05:26 pm
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