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UP Handicraft: हुनर के इन हाथों ने दुनिया में गढ़ी ‘मेड इन यूपी’ की पहचान – नंदी

UP Handicraft Export Data: ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में आयोजित आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 में उत्तर प्रदेश की हस्तशिल्प कला ने सबका दिल जीत लिया। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार में प्रदेश में एक्सपोर्ट फ्रेंडली माहौल बना है और कारीगरों को वैश्विक पहचान मिल रही है।

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कारीगरों के पसीने से चमका यूपी, अब हर जिले की कला पहुंची दुनिया तक (फोटो सोर्स : Information Department )

कारीगरों के पसीने से चमका यूपी, अब हर जिले की कला पहुंची दुनिया तक (फोटो सोर्स : Information Department )

UP Handicrafts Shine at IHGF Delhi Fair 2025-उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में चल रहे आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 का अवलोकन किया। यह आयोजन भारत के सबसे बड़े हैंडीक्राफ्ट और होम डेकोर एक्सपो में से एक है, जिसमें इस बार उत्तर प्रदेश के 1059 से अधिक कारीगरों और प्रदर्शकों ने हिस्सा लिया।

मंत्री नंदी ने प्रदर्शनी का भ्रमण करते हुए विभिन्न स्टॉलों पर हस्तनिर्मित उत्पादों का जायजा लिया और कारीगरों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश की पारंपरिक कला, संस्कृति और हस्तशिल्प की जीवंत झलक पेश करता है। “यहाँ की ऊर्जा, सृजनशीलता और प्रतिस्पर्धा की भावना देखकर गर्व होता है,” उन्होंने कहा।

हर जिले में छिपा है एक शिल्प का खजाना

मंत्री नंदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में कुछ न कुछ विशेष हस्तशिल्प उत्पाद मौजूद हैं, जो उस क्षेत्र की पहचान बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स का बेहद समृद्ध इतिहास रहा है। बनारसी साड़ी से लेकर भदोही की कालीन, मुरादाबाद की पीतल कला, फिरोजाबाद का कांच, सहारनपुर की लकड़ी नक्काशी और लखनऊ की चिकनकारी, ये सब हमारी सांस्कृतिक विरासत के जीवंत प्रतीक हैं। पीढ़ियों से चले आ रहे इस हुनर को हम वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नंदी ने कहा कि कारीगर केवल उत्पाद नहीं बनाते, बल्कि अपने हाथों से इतिहास रचते हैं। उनकी मेहनत, रचनात्मकता और परंपरा का संगम ही उत्तर प्रदेश की “हैंडमेड आत्मा” है।

डबल इंजन सरकार में बना एक्सपोर्ट फ्रेंडली इकोसिस्टम

मंत्री नंदी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के निर्यात क्षेत्र ने पिछले आठ वर्षों में ऐतिहासिक प्रगति की है। हमारी सरकार ने प्रदेश में एक एक्सपोर्ट फ्रेंडली इकोसिस्टम तैयार किया है। इसका नतीजा यह है कि यूपी का निर्यात ₹84 हजार करोड़ से बढ़कर ₹1.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह वृद्धि हमारी नीतियों की पारदर्शिता और स्थिरता का परिणाम है। नंदी ने कहा कि “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” (ODOP) योजना इस दिशा में गेम चेंजर साबित हुई है। “यह योजना न केवल छोटे कारीगरों के जीवन में आर्थिक समृद्धि लाई है, बल्कि वैश्विक बाजार में उत्तर प्रदेश की पहचान को मजबूत किया है।

छोटे कारीगरों की भूमिका अहम -“हुनरमंद हाथ ही बनाते हैं बड़ा भारत

नंदी ने कहा कि बड़े उद्योगों के साथ-साथ कुटीर और लघु उद्योग भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता शुरू से यही रही है कि छोटे कारीगरों को भी समान अवसर मिलें। हमारे प्रयास हैं कि पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पाद भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी जगह बना सकें। उन्होंने यह भी बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो, जो हाल ही में एक्सपो मार्ट में सम्पन्न हुआ, ने स्थानीय उत्पादों को नई ऊंचाई प्रदान की है। “इस तरह के आयोजन न केवल मार्केट एक्सपोजर देते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि ‘मेड इन यूपी’ अब एक भरोसेमंद ब्रांड बन चुका है।”

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में यूपी की बढ़ती पहचान

मंत्री नंदी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान 22.58 प्रतिशत रहा है। कुल ₹7,477.55 करोड़ का निर्यात यूपी से निष्पादित हुआ है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि यूपी अब भारत के हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट का नेतृत्व कर रहा है। हमारे उत्पाद यूरोप, अमेरिका, मिडिल ईस्ट और एशिया के देशों में उच्च मांग में हैं।”

पहला राज्य जिसने लागू की समग्र निर्यात प्रोत्साहन नीति

मंत्री नंदी ने कहा कि निर्यात क्षेत्र की चुनौतियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने एक समग्र “निर्यात प्रोत्साहन नीति” लागू की है। इसके अंतर्गत वित्तीय सहायता, कौशल विकास, नवाचार डिजाइन, ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी, ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग और निर्यात ऋण सहायता जैसी सुविधाएं शामिल हैं। हमारी नीति कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रही है। सरकार कदम-कदम पर उनके साथ खड़ी है,” नंदी ने कहा।

प्रधानमंत्री के जीएसटी सुधारों से बढ़ी उद्यमिता

नंदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि “सेकंड जनरेशन जीएसटी सुधारों” ने छोटे उत्पादकों और उद्यमियों को राहत दी है। उन्होंने कहा कि  इससे टैक्स का बोझ कम हुआ है और घरेलू मांग को बढ़ावा मिला है। यह निर्णय स्थानीय कारीगरों और निर्यातकों के लिए समृद्धि की नई संभावनाएं लेकर आया है।

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते से बढ़ेगा निर्यात

मंत्री नंदी ने कहा कि भारत और यूके के बीच हुए हालिया मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) से उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में और व्यापक अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि  अब यूरोप और ब्रिटेन के बाजारों में यूपी के उत्पादों की पहुंच और मजबूत होगी। हमारे कारीगर गुणवत्ता, डिजाइन और नवाचार में किसी से पीछे नहीं हैं।

कारीगरों के साथ सरकार कदम-कदम पर खड़ी है

मंत्री नंदी ने कार्यक्रम के समापन पर कहा कि सरकार की भूमिका केवल नीति बनाने तक सीमित नहीं है। हम हर कारीगर के साथ खड़े हैं,उनकी ट्रेनिंग से लेकर उनके उत्पादों की मार्केटिंग तक। यही ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का असली मॉडल है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य सरकार हैंडीक्राफ्ट हब्स को विकसित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट और आधुनिक डिज़ाइन सेंटर की स्थापना पर भी काम कर रही है।

पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने साझा किए विचार

इस अवसर पर प्रसिद्ध उद्योग विशेषज्ञों की उपस्थिति में एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। इस चर्चा में हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों, डिजाइनर्स और सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। विषय था - “ग्लोबल मार्केट में भारतीय हस्तशिल्प की भूमिका और संभावनाएं। विशेषज्ञों ने कहा कि डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स और स्थायी उत्पादन पद्धतियां आने वाले वर्षों में भारतीय हैंडीक्राफ्ट सेक्टर को नई दिशा देंगी।