निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज गिरा, कई मजदूर दबे, राहत कार्य जारी (फोटो सोर्स : Whatsapp)
Tundla Accident: फिरोजाबाद जनपद के टूंडला थाना क्षेत्र में बुधवार की दोपहर बड़ा हादसा हो गया। मयाराम हाता के समीप बन रहे रेलवे ओवरब्रिज का एक हिस्सा अचानक भरभरा कर गिर पड़ा। देखते ही देखते पूरा इलाका धूल और चीख़-पुकार से भर गया। मौके पर काम कर रहे मजदूर मलबे के नीचे दब गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के वक्त लगभग दो दर्जन मजदूर पुल पर काम कर रहे थे। कई घायल हुए हैं और कुछ अब भी मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, टूंडला रेलवे स्टेशन के पास यह ओवरब्रिज पिछले कई महीनों से निर्माणाधीन था। बुधवार को पुल के आखिरी हिस्से पर लेंटर डाला जा रहा था। इसी दौरान अचानक पुल का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर नीचे गिर पड़ा। मजदूरों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। लोहे के सरिए और कंक्रीट के टुकड़े चारों ओर बिखर गए। हादसा इतना भीषण था कि आसपास के घरों तक कंपन महसूस किया गया। स्थानीय निवासी मनोज कुमार ने बताया, “एक जोरदार धमाका हुआ और हम लोग भागकर पहुंचे तो देखा पूरा लेंटर नीचे आ चुका था। मजदूरों की चीखें गूंज रही थीं।
हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। एडीएम विशु राजा, रेलवे अधिकारी, जीआरपी, आरपीएफ, और सिविल पुलिस मौके पर पहुंची। बचाव कार्य के लिए तत्काल कई जेसीबी मशीनें, क्रेन और एंबुलेंस तैनात की गईं। एडीएम ने बताया कि प्राथमिकता लोगों की जान बचाने की है। घायलों को पास के टूंडला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फ़िरोज़ाबाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायल मजदूरों को आगरा मेडिकल कॉलेज रेफ़र किया गया है।
हादसे में घायल हुए मजदूरों में से कई बिहार और झारखंड के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
हालांकि प्रशासन ने अभी तक आधिकारिक तौर पर मृतकों या घायलों की सटीक संख्या की पुष्टि नहीं की है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, 20 से अधिक मजदूर मौके पर काम कर रहे थे, जिनमें से लगभग 10 को गंभीर चोटें आई हैं।
कई मजदूर अब भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। बचाव कार्य में एनडीआरएफ की टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उसे बुलाया जा सके।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों ने निर्माण कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल होने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है। स्थानीय निवासी राकेश यादव ने बताया, “पुल का काम काफी समय से चल रहा है। मजदूरों को बिना हेलमेट और सुरक्षा उपकरणों के काम कराया जा रहा था। कई बार हमने इंजीनियरों को चेताया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। लोगों ने यह भी बताया कि निर्माण के दौरान सीमेंट और लोहे की गुणवत्ता को लेकर भी कई बार सवाल उठाए गए, लेकिन ठेकेदारों ने अनदेखी की।
हादसे के बाद फ़िरोज़ाबाद प्रशासन ने पूरे प्रोजेक्ट की तकनीकी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक तौर पर यह हादसा संरचनात्मक कमजोरी या तकनीकी त्रुटि के कारण हुआ प्रतीत होता है। संबंधित निर्माण एजेंसी और इंजीनियरों से रिपोर्ट मांगी गई है। डीएम फ़िरोज़ाबाद ने कहा कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है। लापरवाही पाई जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हादसे की खबर फैलते ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और राजनेता भी मौके पर पहुंचे। विपक्षी दलों ने सरकार और ठेकेदारों पर निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। एक स्थानीय नेता ने कहा, “हर साल करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट शुरू होते हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण मजदूरों की जान जाती है। यह सिस्टम की नाकामी है।” वहीं सत्तापक्ष के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने तुरंत राहत कार्य शुरू करवाया है और सभी घायलों को निशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है।
मलबे से निकालकर अस्पताल लाए गए घायलों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कई महिलाए अस्पताल के बाहर बेसुध हो गईं। एक घायल मजदूर के भाई ने बताया कि सुबह वह काम पर गया था। दोपहर में फोन आया कि पुल गिर गया है। अब नहीं पता वो ज़िंदा है या नहीं। अस्पताल प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम लगाई है और ब्लड बैंक को अलर्ट कर दिया गया है।
Published on:
09 Oct 2025 11:45 pm
बड़ी खबरें
View Allफिरोजाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग