baba baidyanath dham big decision on sparsh puja: बाबा धाम पर बड़ा फैसला (Photo Credit: X Handle@jaibaidyanath)
Baba Baidyanath Dham: झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला शुरू (Sawan 2025) हो गया है। झारखंड-बिहार की सीमा पर स्थित दुम्मा नामक स्थान पर आयोजित समारोह में झारखंड सरकार के तीन मंत्रियों, सुदिव्य कुमार सोनू, दीपिका पांडेय सिंह और संजय प्रसाद यादव, ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मेले का उद्घाटन किया।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बाबाधाम में भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक कामना महादेव प्रतिष्ठापित हैं। सावन के महीने में बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर प्रतिदिन लाखों कांवड़िये जलार्पण के लिए बाबाधाम पहुंचते हैं।
यह सुल्तानगंज से बाबाधाम तक 108 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में एशिया का सबसे लंबा धार्मिक मेला माना जाता है। गुरुवार को गुरु पूर्णिमा के दिन हजारों कांवड़ियों ने सुल्तानगंज में गंगा से जल उठाया और देवघर तक की 108 किलोमीटर लंबी यात्रा के लिए निकल पड़े। पूरा इलाका बोलबम के जयकारों से गूंज उठा है।
राज्य सरकार का अनुमान है कि इस वर्ष मेले में देश-विदेश से 50 से 60 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे। उनकी सुविधा, सुरक्षा और सुरक्षित जलार्पण को लेकर राज्य सरकार की ओर से हर स्तर पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं के रहने और विश्राम के लिए देवघर-सुल्तानगंज मार्ग में कोठिया और बाघमारा में सुविधाओं से युक्त विशाल टेंट सिटी का निर्माण कराया गया है, जहां एक साथ हजारों श्रद्धालु विश्राम कर सकते हैं।
मेला क्षेत्र में जगह-जगह स्नानगृह, शौचालय, चिकित्सा शिविर और सूचना केंद्र बनाए गए हैं। मेले को डिजिटल स्वरूप दिया गया है। लोग अपने मोबाइल पर क्यूआर कोड के जरिए सुविधाओं के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। क्यूआर कोड के जरिए लोग चैटबॉट से भी जुड़ सकते हैं।
उपायुक्त नमन प्रियेश ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन की व्यवस्था पूरे सावन महीने में बंद कर दी गई है। मंदिर में ज्योतिर्लिंग की स्पर्श पूजा की भी अनुमति नहीं दी गई है। दर्शनार्थियों की सुविधा के मद्देनजर अरघा के माध्यम से जलार्पण की व्यवस्था की गई है।
मेले में बस से आने वाले यात्रियों के लिए शटल सेवा शुरू की गई है। मेला क्षेत्र में होल्डिंग पॉइंट, आवास, पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधा, और साफ-सफाई की भी व्यवस्था पर निगरानी की जा रही है। मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त अधिकारियों, दंडाधिकारियों, और पुलिस पदाधिकारियों को सेवा भाव और विनम्रता से सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है।
बाबाधाम के तीर्थ पुरोहित प्रभाकर शांडिल्य ने बताया कि सावन मास में बाबा की स्पर्श पूजा स्थगित रहेगी। सावन में श्रद्धालुओं का हुजूम आता है, इसको लेकर यह फैसला लिया गया है। सावन में भगवा वस्त्र में कांवड़ लिए देश-विदेश के हजारों शिवभक्त जलार्पण करने पहुंचेंगे।
सावन मास देवाधिदेव महादेव को प्रिय है। सावन में भगवान शिव की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिव कल्याण के स्वरूप हैं। उनकी पूजा से मनुष्य का मानव शरीर सार्थक हो जाता है।
Updated on:
11 Jul 2025 10:55 am
Published on:
11 Jul 2025 10:30 am
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