
Rajasthan College: राजस्थान की उच्च शिक्षा में कॉमर्स के प्रति छात्रों का रुझान कम होता जा रहा है। सरकारी कॉलेज आवेदनों के लिए तरस रहे हैं। आलम यह है कि कॉमर्स कॉलेजों में स्नातक स्तर पर 50 फीसदी सीटें खाली जा रही हैं। आवेदन कम आने से कॉलेजों में 50 फीसदी पर ही कॉमर्स में प्रवेश मिल रहा है। जबकि दूसरे राज्यों में कॉमर्स का रुझान ऐसा है कि 90 फीसदी तक कटऑफ जा रही है।
कॉमर्स कॉलेजों में कम आवेदन आने के पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि राजस्थान (Rajasthan College) में कॉमर्स के सिलेबस को अपग्रेड नहीं किया गया है। 30 साल पहले जिस तरीके से पढ़ाई की जा रही थी, वैसे ही आज भी। इसका खमियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। कॉमर्स से ग्रेजुएशन करने के बाद भी छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में वाणिज्य संकाय के 138 स्नातक महाविद्यालय हैं। इनमें करीब 30 हजार सीटें हैं। गत वर्ष 2023-24 के प्रवेशों पर नजर डालें तो 11 हजार छात्रों ने ही प्रवेश लिया था।
राजस्थान के समीप गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली में वाणिज्य बीकॉम (ऑनर्स), बीबीए, एमकॉम (व्यावसायिक प्रशासन व इकोनॉमिक एडमिनिस्ट्रेशन) में सबसे अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं। इनमें कटऑफ 90 फीसदी से अधिक जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के कॉलेजों में सिर्फ बीकॉम संचालित की जा रही है। लेकिन बीकॉम (ऑनर्स) और एमकॉम (व्यावसायिक प्रशासन) की मांग सबसे ज्यादा है। वहीं बाजार की मांग के अनुरूप स्नातक स्तर पर कॉलेजों में बीकॉम (ऑनर्स), बीबीए और स्नातकोत्तर स्तर पर व्यावसायिक प्रशासन के नए पाठ्यक्रम इसी सत्र से प्रारंभ करने की आवश्यकता है।
प्रदेश में कुल 138 स्नातक महाविद्यालय हैं। वहीं 53 स्नातकोत्तर महाविद्यालय हैं। प्रथम सेमेस्टर स्नातक की सीटें हैं 30 हजार और सत्र 2023-24 में बीकॉम के 11 हजार सीटों पर आवेदन आए थे। वहीं स्नातकोत्तर के प्रथम सेमेस्टर की सीटों की संख्या 37 हजार है, जिस पर 32 हजार आवेदन आए थे।
राज्य के सबसे बड़े को-एजुकेशनल सिंगल फैकल्टी राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय, कोटा में बीकॉम प्रथम सेमेस्टर में 1,400 सीटें हैं। इसमें सत्र 2023-24 में लगभग 750 आवेदन ही प्राप्त हुए थे। वहीं इस सत्र में अभी तक 1,400 सीटों पर लगभग 600 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं।
Published on:
01 Jul 2024 05:47 pm
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