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पुराने पुल की नींव पर हो रहा नया निर्माण, गुणवत्ता पर उठे सवाल

ग्रामीणों ने कहा, ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगा पुलकरंजिया, तरेरा गांव में नेशनल हाईवे-45 पर बनाए जा रहे नए पुल को लेकर स्थानीय लोगों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। वर्षों से लंबित पड़े इस पुल के निर्माण कार्य को लेकर जहां एक ओर लोगों को राहत की उम्मीद थी, वहीं दूसरी ओर इसकी […]

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ग्रामीणों ने कहा, ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगा पुल
करंजिया, तरेरा गांव में नेशनल हाईवे-45 पर बनाए जा रहे नए पुल को लेकर स्थानीय लोगों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। वर्षों से लंबित पड़े इस पुल के निर्माण कार्य को लेकर जहां एक ओर लोगों को राहत की उम्मीद थी, वहीं दूसरी ओर इसकी निर्माण प्रक्रिया को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल का निर्माण तकनीकी मानकों को ताक में रखकर किया जा रहा है, जिससे न केवल निर्माण की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं, बल्कि भविष्य में किसी बड़े हादसे की आशंका भी जताई जा रही है। तरेरा गांव से होकर गुजरने वाला एनएच-45 एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिस पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भारी वाहन गुजरते हैं। इस सडक़ पर स्थित पुराना पुल पिछले कई वर्षों से जर्जर स्थिति में था। स्थानीय निवासियों के अनुसार पुल में कई बड़ी दरारें आ चुकी थीं और उसकी नींव काफी कमजोर हो चुकी थी। ऐसी स्थिति में प्रशासन ने इस पुल के पुनर्निर्माण का निर्णय लिया, लेकिन स्थानीय लोगोंं का कहना है कि जिस तरह से ठेका कंपनी नए पुल का निर्माण कर रही है, वह पूरी तरह से असुरक्षित और काम चलाऊ है।


गुणवत्तायुक्त सामग्री का नहीं हुआ उपयोग


पुल निर्माण में उपयोग की जा रही सामग्री को लेकर भी कई तरह के संदेह व्यक्त किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण में उपयोग हो रहे सीमेंट, लोहा, कंक्रीट आदि की गुणवत्ता ठीक नहीं है। उनका दावा है कि ठेका कंपनी घटिया सामग्री का प्रयोग कर पुल को तैयार की रही है। इसके चलते पुल की मजबूती पर सवाल उठना लाजमी है। स्थानीय युवक महेश साहू कहते हैं जब हम निर्माण स्थल पर गए तो देखा कि रेत और सीमेंट का अनुपात सही नहीं रखा जा रहा है। न ही किसी इंजीनियर की नियमित निगरानी है। यह सब देखकर लगता है कि निर्माण एजेंसी जल्दबाज़ी में अधूरा और कमजोर काम कर रही है।


अधिकारियों ने शिकायत पर नहीं ली गंभीरता


ग्रामीणों ने कई बार इस मामले की शिकायत संबंधित विभाग से कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। प्रशासन की इस चुप्पी से लोगों में नाराजग़ी और बढ़ गई है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यही हाल रहा तो पुल ज्यादा दिनों तक नहीं ठिक पाएगा।