पेड़ पर स्वचालित मशीन चलाते पकड़े
dholpur, राजाखेड़ा उपखण्ड के जंगलों को पूरी तरह नष्ट कर चुका वन माफिया अपने दुस्साहस के चलते शनिवार को तहसीलदार दीप्ति देव के हत्थे चढ़ गए और उन्होंने पेड़ काट रहे लोगों को मौके पर ही पकड़ कर थाना राजखेड़ा से पुलिस कर्मी बुलाकर सुपुर्द कर दिया। घटना से आरा मशीन व्यापारियों में हडक़ंप मच गया।
शनिवार को मुख्यालय पर स्टेट हाइवे बाइपास पर पुराने कोर्ट के पास एक विशालकाय हरे पेड़ को वन माफिया के मजदूर स्वचालित मशीनों से दिनदहाड़े काट कर आरा मशीनों के गोदामों में पहुंचा रहे थे। अपराह्न पांच बजे के लगभग तहसीलदार दीप्ति देव अपने जाब्ते के साथ शिविरों से लौट रही थीं जिन्होंने बिना किसी अनुमति पेड़ काटते देख अपने पटवारियों से मौके पर ही पकड़वा लिया। बेखोफ माफिया पर पहली बार हुई अचानक कार्रवाई से भगदड़ मच गई, लेकिन देव ने तुरंत थाने से जाप्ता मंगवा लिया और आरोपियों को उनके सुपुर्द कर दिया।
ईंट भट्टों की चिमनियों में भस्म हो गया जंगल
राजाखेड़ा उपखंड चम्बल और उत्तनगन नदी के प्रवाह क्षेत्र के बीचों बीच समानांतर बसा हुआ है जो नदियों किनारे व खांदरों में विशाल वन संपदा के लिए विख्यात था। स्टेट टाइम में राजा महाराजा इन जंगलों में आखेट के लिए राजाखेड़ा आते थे, लेकिन बीते दो दशकों में ईंट भ_ा उद्योग इस क्षेत्र में आने से वन माफिया की पो बारह हो गई और सस्ते ईंधन से भट्टों को संचालित करने के लिए पेड़ कटाई जोरों से आरम्भ हो गई। नतीजतन यहां का वन क्षेत्र अब इतिहास की बात बन गया और वन विभाग तो कार्यलयों में बैठा सघन वृक्षारोपण के नारों तक ही सिमटा रह गया।
दिन रात दौड़ते पेड़ लदे ट्रेक्टर
ईंट भट्टों की चिमनियां सुलगने का समय नजदीक आ गया है। ऐसे में वन मापिफया भी बेहद तेजी से सक्रिय हो गया है और दिन रात कटे हरे पेड़ों से लदे ट्रेक्टर ट्रॉलियों को आरा मशीनों के गोदामो में घुसते हुए देखा जा रहा है, लेकिन पुलिस और वन विभाग एक दूसरे के पाले में अपनी जिम्मेदारियों की गेंद फेंकते ही नजर आ रहे हैं।
अवैध पेड़ कटाई को किसी भी कीमत पर रोकने का प्रयास करेंगे। वन विभाग और पुलिस के साथ समन्वय करवाकर कार्रवाई करवाएंगे। आमजन भी ऐसे किसी दुस्साहस की सूचना मुझे सीधे दें। निश्चित कार्रवाई होगी।
-दीप्ति देव, तहसीलदार राजाखेड़ा
Published on:
12 Oct 2025 06:17 pm
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