-दीपावली की छुट्टियों में प्रारंभ होगा भवनों का ढहाए जाने का कार्य
-वैकल्पिक व्यवस्था कर सुचारू रूप से संचालित होगी बच्चों की पढ़ाई
- 70 भवनों में से 40 माध्यमिक और 30 भवन एलिमेन्ट्री के
धौलपुर. जिले के जर्जर स्कूल भवनों और जर्जर कक्षा कक्षों को जमींदोज करने का सिलसिला दीपावली की छुट्टियों से प्रारंभ किया जाएगा। जिसको लेकर विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति ने तैयारियां भी प्रारंभ कर दी हैं। तो कई स्कूलों ने सामग्री निलामी की अधिसूचनाएं भी प्रकाशित की जा चुकी हैं। जिले में 70 जर्जर भवनों को गिराया जाएगा। जिनमें से 40 स्कूल माध्यमिक और 30 भवन प्रारंभिक शिक्षा के है। विभाग वैकल्पिक व्यवस्था कर बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से संचालित करेगा।
झालावाड़ हादसे के बाद सरकार ने राज्य के सभी स्कूल भवनों का सर्वे कराकर उनमें से जर्जर भवनों का चिह्नीकरण का आदेश दिया था। जिसके बाद जिले भर में सर्वे के दौरान 70 स्कूल भवन ऐसे पाए गए जो पूर्ण रूप से जर्जर हालत में हैं जिन्हें पूर्ण रूप से धराशायी किया जाना है। इसके अलावा 2142 कक्षा कक्ष भी शामिल हैं जिन्हें जमींदोज किया जाएगा। इनमें से 1 हजार 835 माध्यमिक और 307 कक्षा कक्ष एलिमेन्ट्री स्कूल के हैं। विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति की टीम ने इन्हें धराशायी करने के लिए कार्ययोजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। जानकारी के अनुसार अजमेर शिक्षा विभाग ने आदेश किया है कि इन भवनों का तब जमींदोज किया जाए जब स्कूलों में छुट्यिां हो। जिसको लेकर दीपावली की छुट्टियों में इन स्कूल भवनों को जमींदोज करने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
सैंपऊ में एक भी जर्जर स्कूल भवन नहीं
जिले की एलिमेन्ट्री स्कूलों की बात करें तो छह उपखंडों में 30 स्कूल पूर्णत: जर्जर हो चुके हैं जिन्हें ढहाया जाने की आवश्यकता है। जिनमें सबसे ज्यादा सरमथुरा में 10, राजाखेड़ा में 7, धौलपुर में 6, बाड़ी में 4 और बसेड़ी में 3 स्कूलों को चिह्नित किया गया है। तो वहीं सैंपऊ उपखंड में एक भी स्कूल भवन ऐसा नहीं है जिसे पूर्ण रूप से जर्जर किया जाए। इसके अलावा जर्जर कक्षा कक्षों की बात करें तो जिले के 152 स्कूलों के 307 कक्षा कक्ष ऐसे हैं जिन्हें चिह्नत किया गया है। धौलपुर उपखंड में ऐसा कोई कक्षा कक्ष नहीं जो जर्जर हालत में हो और जो ढहाए जाने योग्य हो। इसके अलावा 77 कक्षा कक्ष बसेड़ी, 77 राजाखेड़ा, 70 सैंपऊ, 52 सरमथुरा और 31 कक्षा कक्ष बाड़ी में चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें जल्द ही ढहाया जाएगा।
राज्य भर में 5500 स्कूल ढहाए जाएंगे
झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद से राज्य भर में कराए जर्जर स्कूल भवनों के सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया कि राज्य भर में संचालित 63 हजार राजकीय स्कूल भवनों में से 5500 को चिह्नित किया गया था और इन स्कूलों के भवनों को बेहद जर्जर मानते हुए हादसे की आशंका जताई गई थी। इसके अलावा राजय भर में शिक्षा विभाग के सर्वे में स्कूलों के करीब 85 हजार जर्जर कक्षा कक्षों को भी चिह्नित किया गया, जिन्हे तुरंत जमींदोज करने की बात कही गई थी। शिक्षा विभाग के सर्वेक्षण में यह भी बात सामने आई कि सरकारी स्कूलों के 2.5 लाख कमरों को तुरंत मरम्मत करने की जरूरत है। स्कूलों में निर्मित करीब 15000 शौचालय भी जर्जर मिले हैं, जबकि 25 हजार शौचालयों को भी मरम्मत कराने की आवश्यकता है।
170 करोड़ रुपए मंजूर मरम्मत के लिए
राज्य सरकार ने प्रदेश के 1,936 स्कूलों में बड़ी मरम्मत के लिए लगभग 170 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। हालांकि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूल भवनों के मरम्मत के लिए और ज्यादा बजट देने की बात कही। वहीं अब प्रदेश के 1,936 स्कूलों के लिए प्राथमिकता के आधार पर बजट जारी किया गया है और 7,500 और स्कूलों की मरम्मत पर 150 करोड़ रुपए खर्च करने की भी बात कही है।
दीपावली से पहले चमकेंगे राजकीय स्कूल, जलेंगे दीपक
दीपावली से पहले जिले के सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की सूरत बदल जाएगी। शिक्षा विभाग ने विद्यालयों की रंगाई और पुताई कराने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद जिले के स्कूलों में रंगाई और पुताई का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसके अलावा दीपावली पर स्कूलों में दीपक जलाकर रोशनी का त्योहार भी मनाया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए प्रेरक और स्वच्छ वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से सरकार ने विद्यार्थी विकास कोष से विद्यालयों में रंग-रोगन, पेंटिंग एवं आवश्यक मरम्मत कार्य कराने की स्वीकृति दी है। प्रत्येक विद्यालय अपनी आवश्यकता और अनुमानित व्यय के अनुसार विद्यार्थी विकास कोष से राशि व्यय कर कार्य पूर्ण करवाए। इसके तहत 15 हजार से 2 लाख रुपए तक की राशि विद्यालय व्यय कर सकेेंंगे। विद्यालयों की बाहरी दीवारें, गेट, नाम-पट्ट एवं मुख्य फ्रंट को एक समान रंग योजना में रंगने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए समसा ने निर्धारित कलर कोड जारी किए हैं, जिनका सभी विद्यालयों को पालन करना होगा ताकि प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों का रूप एक जैसा दिखे।
Published on:
12 Oct 2025 06:32 pm
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