Shardiya Navratri 2025 (photo- gemini ai)
Shardiya Navratri 2025: देश भर में शारदीय नवरात्रि धूमधाम से मनाई जा रही है। नवरात्रि का समापन 1 अक्टूबर यानी महानवमी के दिन होगा। हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर यह पर्व नौ दिनों तक चलता है, जिसमें देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसे शारदीय नवरात्रि इसलिए कहते हैं क्योंकि यह शरद ऋतु में आता है।
नवरात्र का महत्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी बेहद खास है। मान्यता है कि इन नौ दिनों में की गई पूजा, साधना और भक्ति से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस बार ज्योतिष के अनुसार नवरात्र में कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है। तो आइए जानते हैं कैसे।
इस साल शारदीय नवरात्र 9 दिनों के बजाय 10 दिनों का है। दरअसल, इस बार तृतीया तिथि दो दिन पड़ी है, जिससे यह अद्भुत संयोग 27 साल बाद बना है। इससे पहले वर्ष 1998 में ऐसा ही संयोग बना था, जब चतुर्थी तिथि दो दिनों तक रही थी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्र के दौरान बढ़ती हुई तिथियों को अत्यंत शुभ और सकारात्मक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों की गई पूजा-अर्चना से जीवन में शक्ति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार बढ़ती तिथि के चलते दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
ग्रह-नक्षत्रों की दृष्टि से भी यह नवरात्र खास माना जा रहा है। इस दौरान तीन बार रवि योग का निर्माण होगा। इसके साथ ही गजकेसरी योग और बुधादित्य योग भी बन रहे हैं, जिन्हें अत्यंत शुभ माना जाता है। इन विशेष योगों में की गई पूजा और व्रत से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है।
नवरात्र के दिनों में सुबह-शाम मां लक्ष्मी और मां दुर्गा को लाल फूल और सिंदूर अर्पित करें। साथ ही लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से धन संबंधी रुकावटें दूर होती हैं और घर में बरकत आती है।
इस दौरान प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि इससे जीवन की बाधाएं समाप्त होती हैं और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
नवरात्र में देवी मां को नारियल चढ़ाकर लाल धागे से बांधकर घर के मुख्य दरवाजे पर लटका दें। इससे नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर का प्रभाव घर से दूर रहता है।
Published on:
30 Sept 2025 12:43 pm
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