
विजयनगर में विराजित साध्वी संयमलता के सान्निध्य में ज्ञानशाला का वार्षिक उत्सव मनाया गया । इस अवसर पर साध्वी ने गुरु के दो प्रकार बताए। एक गुरु जो उपदेश देता है लेकिन निर्माण नहीं करता और दूसरा जो निर्माण करता है वह उपदेश नहीं देता।साध्वी ने कहा कि बच्चे समाज का भविष्य हैं। बच्चे खाली पेपर के समान होते हैं उनमें जो चित्र बनाएंगे वह बन जाएगा। साध्वी ने बच्चों से प्रश्न भी पूछे। विजयनगर ज्ञानशाला से श्रेष्ठ ज्ञानार्थी पूर्वी घोषल का सम्मान किया। जैन विद्या में राष्ट्रीय स्तर की पीहू हिरण झिलमिल सुकलेचा का सम्मान किया । प्रशिक्षिकाओं की वर्षभर में उपस्थिति के अनुसार सम्मानित किया गया। ज्ञानशाला के बच्चों को भी पुरस्कार दिया गया। कर्नाटक के अंचल सह संयोजक मानक संचेती ने ज्ञानशाला के बारे में अनेक जानकारियां दीं और बताया कि 11 जनवरी, 2026 को शिशु संस्कार की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी । महिला मंडल की राष्ट्रीय सह मंत्री मधु कटारिया ने विचारों की प्रस्तुति दी।तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष विकास बांठिया ,सभा के अध्यक्ष मंगल कोचर व प्रायोजक संजय बैद ने भावों की अभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला संयोजिका ममता मांडोत ने स्वागत किया । मौके पर सभा के उपाध्यक्ष भंवर लाल मांडोत और महिला मंडल मंत्री सरिता छाजेड़, समण संस्कृति संकाय से बरखा पुगलिया ,अणुव्रत अध्यक्ष महेंद्र टेबा मौजूद थे । संचालन मेघना हिरण ने किया और आभार उषा सेठिया ने व्यक्त किया।
Published on:
04 Nov 2025 07:08 pm
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