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उत्तराखंड में मिल रहा प्रकृति के प्रकोप का संकेत! धौली गंगा में बनी झील से बढ़ा खतरा

Uttarakhand News: उत्तराखंड में प्रकृति के प्रकोप का संकेत मिल रहा है। धौली गंगा में बनी झील से खतरा बढ़ गया है। जिसके बाद विशेषज्ञ और बचाव की टीम को रवाना कर दिया गया है।

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uttarakhand news lake formed in chamoli dhauliganga area increased danger

धौली गंगा में बनी झील से बढ़ा खतरा। फोटो सोर्स-IANS

Uttarakhand News: उत्तराखंड के चमोली जिले से प्रकृति के प्रकोप का संकेत मिल रहा है। जिले के तपोवन के ऊपर धौली गंगा नदी में एक झील बनने की जानकारी के बाद प्रशासन अलर्ट मोड में है।

SDRF और विशेषज्ञों की टीम रवाना

सैटेलाइट इमेज में झील बनने की पुष्टि होते ही DM गौरव कुमार ने शनिवार सुबह आपदा प्रबंधन, SDRF और विशेषज्ञों की टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया। DM गौरव कुमार ने कहा कि झील के आकार और संभावित खतरे का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों को मौके पर भेजा गया है। जिससे समय रहते झील के पानी की निकासी की व्यवस्था की जा सके। साथ ही किसी भी अप्रिय स्थिति को टाला जा सके।

टीम ने स्थिति का निरीक्षण किया

चमोली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, 1 नवंबर 2025 को झील बनने की सूचना प्राप्त होने के बाद उप जिलाधिकारी ज्योतिर्मठ, अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड चमोली, अपर सहायक अभियंता सिंचाई विभाग ज्योतिर्मठ, और स्थानीय राजस्व उप निरीक्षक की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद टीम ने स्थिति का स्थलीय निरीक्षण किया।

पानी के दबाव को कम करने के लिए मशीनें तैनात

रिपोर्ट की माने तो तमकनाला इलाके में मलबे के कारण धौली गंगा नदी का प्रवाह आंशिक रूप से रुक गया है। जिससे नदी में एक झील का निर्माण हो गया है। झील की लंबाई वर्तमान में लगभग 300 मीटर, चौड़ाई करीब 60 मीटर और गहराई करीब 3 मीटर बताई जा रही है। स्थिति को कंट्रोल में रखने और पानी के दबाव को कम करने के लिए मशीनें तैनात कर दी गई हैं।

आसपास के इलाकों में निगरानी बढ़ाई गई

जलधारा के प्रवाह को 30 मीटर तक चौड़ा करने का कार्य जारी है। जिससे झील के आकार में कमी आएगी और नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल किया जा सकेगा। प्रशासन ने संभावित खतरे को देखते हुए आसपास के इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है।