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24 अक्टूबर से उत्तराखंड की शीतकालीन चारधाम यात्रा, श्रद्धालुओं की बल्ले-बल्ले! सरकार और होटल एसोसिएशन दे रहे हैं 50% तक की छूट

Uttarakhand News: उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) ने बड़ा फैसला लिया है। अब श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में ठहरने के लिए 50% तक की छूट मिलेगी।

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24 अक्टूबर से उत्तराखंड की शीतकालीन चारधाम यात्रा

Char dham yatra uttarakhand news: उत्तराखंड की पवित्र धरती पर सर्दियों के मौसम में चारधाम यात्रा अब और सुलभ बनने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को पूरे साल सक्रिय रखने के प्रयासों में जुटी है। इसी कड़ी में गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) ने शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने होटलों और गेस्ट हाउसों की आवासीय दरों में 50 प्रतिशत तक की भारी कटौती की है। इस फैसले से श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में लागू होगा विशेष ऑफर

जीएमवीएन की यह छूट योजना उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के होटलों में लागू होगी। यही वो क्षेत्र हैं जहां शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान सबसे अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम के इस निर्णय से न सिर्फ यात्रियों का आर्थिक बोझ घटेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी नई गति मिलेगी। यह कदम मुख्यमंत्री धामी के उस विजन को साकार करता है, जिसके तहत “बारहों महीने धार्मिक पर्यटन” को उत्तराखंड की पहचान बनाना लक्ष्य है।

चारों धामों की शीतकालीन पूजा स्थलों पर उमड़ेगा जनसैलाब

शीतकाल में जब चारों धामों के कपाट बंद हो जाते हैं, तब उनकी पूजा अन्य स्थानों पर संपन्न होती है।

  • गंगोत्री धाम की पूजा हरसिल के मुखबा गांव में की जाती है।
  • यमुनोत्री धाम की पूजा खरसाली में होती है।
  • केदारनाथ धाम के भगवान शिव की पूजा रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में संपन्न होती है।
  • वहीं बदरीनाथ धाम की पूजा पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर और जोशीमठ में होती है।

इन सभी स्थलों पर हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान बदरी विशाल की उत्सव मूर्ति योग ध्यान बदरी मंदिर में विराजमान होती है, जबकि आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में स्थापित होती है।

श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधा

गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार शीतकालीन यात्रा को सफल और आकर्षक बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया- “निगम ने अपने सभी होटल और गेस्ट हाउसों में मौजूदा दरों पर 50% तक की छूट देने का निर्णय लिया है ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक शीतकालीन यात्रा में सम्मिलित हो सकें।”

इस फैसले से उम्मीद है कि शीतकालीन चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की भागीदारी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

धामी सरकार का मिशन - बारहों महीने धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन

उत्तराखंड सरकार अब चारधाम यात्रा को सिर्फ छह महीनों तक सीमित नहीं रखना चाहती। राज्य का उद्देश्य है कि शीतकाल में भी धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नया जीवन मिले। पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि ठंड के मौसम में भी यात्रियों की संख्या में तेजी आई है। सरकार चाहती है कि शीतकालीन यात्रा को राज्य की स्थायी धार्मिक-पर्यटन परंपरा के रूप में विकसित किया जाए ताकि उत्तराखंड 12 महीने धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन सके।